प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत अब बड़ी सड़कें भी बनाई जाएँगी, 10 और 20 गाँवों को जोड़ने वाले मार्गों को मिलेगी प्राथमिकता

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में अभी तक छोटी-छोटी आबादी को जोड़ने वाले गाँवों की सड़कें बनती रही हैं, लेकिन इस प्लान में कुछ परिवर्तन किया गया है। अब पीएम सड़क योजना में ऐसी सड़कें भी बनाना शुरू किया गया है जो सड़कें 10 और 20 गाँवों की आबादी को कनेक्ट करती हैं।
अभी तक इस योजना में ऐसी सड़कों को नहीं बनाया जाता था जो कुछ छोटी आबादी को जोड़ती हैं, लेकिन अब योजना में व्यापक परिवर्तन आया है। ग्रामीण सड़क योजना से जुड़े अधिकारियों के अनुसार छोटे गाँवों को सड़कों से जोड़ने का जो लक्ष्य संभाग में रखा गया है, वह सेचुरेशन प्वाइंट पर पहुँच चुका है। अपवाद स्परूप केवल ऐसी ही सड़कें छोटे गाँव में नहीं बन सकी हैं जहाँ पर रास्ते में निर्माण के दौरान जमीनी विवाद, फारेस्ट लैण्ड का कोई पेंच बरकरार है, नहीं तो लगभग ऐसी सड़कों को औसत रूप में पूरा कर दिया गया है।
पीएम सड़क योजना में 10 और 20 गाँवों को जोड़ने वाली सड़क का शामिल करने का उद्देश्य यह भी है, जहाँ पर ग्रामीण क्षेत्र में बड़ी आबादी जो बदतर या घटिया सड़क से प्रभावित है, वहाँ पर सड़कों का कुछ हद तक उद्धार हाे सकता है। इस प्लान में अभी तक जिले में कुछ सड़कों को शामिल किया गया है। इसका दायरा बताया जा रहा है िक निकट भविष्य में और बढ़ने वाला है। बड़े गाँव को पीएम सड़क से बनाने पर एक तरह से और ज्यादा सड़कों का कायाकल्प हो सकता है।
500 और 250 जनसंख्या पर सड़क
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में ऐसे गाँवों जिनकी आबादी 500 है उनको बनाया गया है। या जो सड़क एक गाँव के बाद कुछ आगे जाती है। सामान्य इलाके में यह टारगेट 500 आबादी का है। ट्राइबल इलाके में आबादी यदि 250 भी है तो योजना का लाभ उस गाँव को मिलता है। सड़क बनाने का टारगेट कुछ निर्धारित नहीं होता है, यह इस पर निर्भर करता है कि सरकार ने किस क्षेत्र की कितनी सड़कों को बनाने का निर्णय लिया है।
अब तक 5 हजार सड़कें बनाईं
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में अभी तक जबलपुर, मण्डला, डिण्डौरी, कटनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, सिवनी जिले में करीब 5000 सड़कों को बनाया गया है। नए प्लान में भी कुछ सड़कें चिन्हित हैं, लेकिन यहाँ पर जमीनी विवाद या फारेस्ट लैण्ड क्लीयर होने पर ही इनको बनाया जा सकता है। अभी तक जो आबादी सड़क को तरसती थी और आने-जाने का सुलभ साधन नहीं था, वहाँ पर इन सड़कों का निर्माण बीते डेढ़ दशक में किया गया है।
कितनी चौड़ाई होती है
पीएमजीएसवाय सड़क में आमतौर पर सड़क 7.5 मीटर की होती है। इस प्लान में डामर वाला हिस्सा 3.75 मीटर यानी 12 फीट का होता है। इसके अलावा एक सड़क 6 मीटर की भी होती है, जिसमें डामर वाला हिस्सा 3 मीटर का होता है। इस चौड़ाई में गाँव तक जाने वाला कोई भी वाहन आसानी से निकल सकता है।
प्लान के तहत अब 10 और 20 गाँव की आबादी वाली सड़कों को बनाया जाने लगा है। ऐसे मार्ग जिनमें तुरंत सुधार या निर्माण की जरूरत है उनको बनाया जा सकता है। जो लक्ष्य तय होता है हम उस पर काम करते हैं।
- बीएस चंदेल, मुख्य प्रबंधक पीएम ग्रामीण सड़क योजना
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