तमसा तट पर महर्षि वाल्मीकि से श्रीराम की भेंट, 1.10 घंटे तक जीवंत हुई दादा की लिखी कहानी

कालिदास संस्कृत अकादमी के अभिरंग नाट्य गृह में रविवार को संस्था रंगउत्सव की अगुवाई में दादा शिवकुमार चवरे लिखित नाटक तमसा तट का मंचन किया गया। उत्तररामचरित पर आधारित नाटक का निर्देशन राजेंद्र चावड़ा ने किया। 1 घंटा 10 मिनट की अवधि में कलाकारों ने अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कलाकार नंदन चावड़ा के अनुसार नाटक में तमसा नदी पर स्थित वाल्मीकि आश्रम में कौशल नरेश के पुत्रद्वय लव, कुश गुरुवर वाल्मीकि के मार्गदर्शन में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अयोध्या की सभा में कुलगुरु वशिष्ठ राजा राम के सार्वभौम सुराज के लिए अश्व मेध यज्ञ के लिए प्रेरित करते हैं। सहधर्मिणी सीता की अनुपस्थिति में उनकी स्वर्ण प्रतिमा के साथ यज्ञ करने की सलाह दी जाती है।

अनुज लक्ष्मण के भारी विरोध के बावजूद सूर्यवंशी पताका से सज्जित अश्व दिग्विजय के लिए छोड़ दिया जाता है। लव, कुश खेल में अश्व पकड़ लेते हैं। युद्ध होता है। अश्व रक्षक सैनिक परास्त होते हैं। लक्ष्मण घायल हो जाते हैं। लव, कुश की जीत होती है। श्री राम तमसा तट स्थित आश्रम में पधारते हैं। गायक लव, कुश से उनकी भेंट महर्षि वाल्मीकि कराते हैं। सीता और राम का मिलन होता है।

इन्होंने किया अभिनय

सूत्रधार-प्रद्युम्न अमृतफले, राम-इशान मेनन, सीता-निकिता पोरवाल/परिधि प्रजापत, लक्ष्मण-तुषार सोलंकी, गुरु वशिष्ठ-राजाराम सिंह तोमर/धर्मेंद्र शर्मा, सुमंत-युवराज चावड़ा, वाल्मीकि-सूर्यदेव ओल्हन, कौशल्या-मनीषा सोलंकी/श्वेता जैन, विधि-आईवी चौबे/निकिता अमृतकर, सखी मालती-श्वेता जैन/कुमकुम प्रजापत, लव-पवन अमोदिया/ सौमित्र काला, कुश-लविश चौहान, मंगल धोबी-शुभम मिश्रा, प्रतिहारी-आदर्श यादव, बालक-हर्ष गोमे, अमित बागड़ी, दिनेश वर्मा ने अभिनय किया।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
कालिदास अकादमी के अभिरंग नाटयगृह में नाटक का मंचन करते कलाकार


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3jPt1v6

Share this

0 Comment to "तमसा तट पर महर्षि वाल्मीकि से श्रीराम की भेंट, 1.10 घंटे तक जीवंत हुई दादा की लिखी कहानी"

Post a Comment