संक्रमण दर 1.18 फीसदी पर, कोविड आईसीयू और आइसोलेशन वार्ड खाली

कोरोना को लेकर अच्छी खबर है। भले ही देश में कोरोना मरीजों की संख्या 1 करोड़ का पार कर चुकी हो और विदेशों में कई स्थानों पर लॉकडाउन की तैयारी चल रही हो, लेकिन छतरपुर जिले में कोरोना की रफ्तार कम हो रही है। नवंबर माह की तुलना में दिसंबर माह के 21 दिनों में संक्रमण की रफ्तार 1.18 फीसदी गिर गई। इस गिरावट के चलते जिला अस्पताल स्थित कोविड आइसीयू और आइसोलेशन वार्ड खाली हो गए हैं।
नवंबर के 21 दिन में कोरोना संक्रमण की दर 2.99 फीसदी रही। वहीं दिसंबर माह में यह गिरकर 1.81 फीसदी रह गई है। आगे भी इसके गिरने की संभावना जताई जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि आने वाले समय में अप्रैल माह तक शादियों का सीजन नहीं है। इसके अलावा सर्दी के मौसम में लोग आवश्यक काम से ही घर से निकलते हैं। जैसे-जैसे सर्दी जोर पकड़ रही है, कोरोना की रफ्तार भी कम होती दिख रही है। नवंबर के 21 दिन की तुलना दिसंबर के 21 दिन में संक्रमण की दर काफी गिरी है।
इन दिनों कोई बड़े पर्व या शादियां नहीं, भीड़ जमा न होने से मिली राहत
1. वर्तमान में कड़ाके की सर्दी है। लोग घरों से देर से निकल रहे, जल्दी घर पहुंच रहे। आवश्यक होने पर ही मिलना जुलना हो रहा है।
2. सर्दी में लोग गर्म पानी पीते हैं। शरीर में गर्मी पैदा करने वाली और इम्युनिटी पावर बढ़ाने वाली खाद्य वस्तुओं का अधिक मात्रा में उपयोग करते हैं।
3. शादी समारोह पर 22 अप्रैल तक रोक रहेगी। यानि सामाजिक स्तर पर भीड़-भाड़ एकत्रित होने की संभावना नहीं है।
4.अभी कोई बड़ा पर्व भी नहीं है। जनवरी में मकर संक्राति पर ग्रामीण क्षेत्र में मेला और मार्च माह में महाशिवरात्रि पर शिव मंदिरों में कुछ भीड़ एकत्रित होगी।
कोविड आइसीयू और आइसोलेशन वार्ड खाली
इन दिनों महोबा रोड स्थित 80 बेड की क्षमता वाला केयर सेंटर और सागर रोड स्थित 7 बेड की क्षमता वाला सेंटर काफी दिनों से खाली पड़े हैं। वर्तमान में जिला अस्पताल के 10 बिस्तर के कोविड आइसीयू और 26 बेड वाले आइसोलेशन वार्ड पूरी तरह से खाली हो गए हैं। कोविड आइसीयू में एक भर्ती था, जिसे मंगलवार की सुबह डिस्चार्ज कर दिया गया। इसी प्रकार आइसोलेशन वार्ड में भर्ती दो मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया।
प्रशासन की सख्ती व लोगों की जागरूकता आ रही काम, लोग कर रहे नियमों का पालन
मास्क को लेकर दिसंबर माह में प्रशासन द्वारा जिले भर में सख्ती दिखाई गई। जिला मुख्यालय से लेकर थाना स्तर तक बगैर मास्क के सड़कों पर निकले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई। परिणाम अब अधिकांश लोग मास्क का उपयोग करने लगे हैं। शादी, विवाह में मेहमानों की संख्या निर्धारित होने से लोगों ने कम संख्या में मेहमान बुलाए। शादी समारोह में कार्रवाई के डर से अधिकांश लोगों ने मास्क व सैनेटाइजर का उपयोग किया। जिस कारण दिसंबर माह में संक्रमण की दर नहीं बढ़ी। दूसरी ओर नवंबर में उप चुनाव में लोगों ने सावधानी नहीं बरती, इस कारण इस माहदर बढ़ गई थी।
शादी समारोह न होने से फर्क पड़ेगा, कम होगी कनेक्टिविटी
अभी सर्दी के कारण लोगों का मिलना जुलना कम हो गया है। आगे शादी समारोह भी नहीं है। जिले में भीड़ भाड़ वाले धार्मिक व सार्वजनिक आयोजित भी कम हैं। ऐसे में लोगों की आपस में कनेक्टिविटी कम होगी। जिससे कोरोना पर लगाम लगने की संभावना अधिक रहेगी।
- डॉ. सतीश चौबे, सीएचएमओ
लोग खुद करा रहे कोरोना की सैंपलिंग
जिले में 1 नवंबर से 21 नवंबर तक कुल 6413 कोरोना संदिग्ध लोगों के सैंपल स्वास्थ्य विभाग ने जांच करने लिए। इनमें से 192 लोग कोरोना पॉजीटिव पाए गए। वहीं 1 दिसंबर से 21 दिसंबर तक जिले में 7928 लोगों ने बीमारी के लक्षण होने पर कोरोना की जांच कराई। इनमें से मात्र 144 कोरोना संक्रमित पाए गए। यानि नवंबर माह की तुलना में दिसंबर माह कोरोना को लेकर राहत भरा रहा। खास बात यह रही कि लोग स्वयं कोरोना जांच का सैंपल करा रहे हैं। इससे घरों में इसके संक्रमित लोगों के छिपे होने की संभावना भी कम होती जा रही है।
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