मिलावटी खाद्य सामग्री बेचने वाले दो दुकानदारों पर 2.50 लाख का जुर्माना

मिलावटी एवं मिथ्याछाप खाद्य सामग्री का विक्रय करने के मामले में दोषी पाए जाने पर न्यायालय द्वारा दो दुकानदारों पर 2.50 लाख रुपए का अर्थदंड लगाया गया है। साथ ही व्यवसाय के संचालन के लिए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अंतर्गत पंजीयन कराने के आदेश दिए गए हैं।

खाद्य सुरक्षा अधिकारी एसके तिवारी ने बताया कि 31 अक्टूबर 18 को खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा लवकुशनगर के महोबा रोड पर संचालित दुकान में साहू किराना स्टोर का निरीक्षण किया गया। इस दौरान दुकान संचालक राजू उर्फ रामगोपाल साहू स्वयं मिले। निरीक्षण के दौरान मौके पर कोई भी खाद्य पंजीयन दुकान पर प्रदर्शित नहीं पाया गया। दुकान में भंडारित खाद्य सामग्री का निरीक्षण करने पर रामगोपाल साहू से रेवा स्पेशल साेनपपड़ी मिठाई का सैंपल जांच के लिए लिया गया।

खाद्य सामग्री में निर्माता का पूरा पता अंकित नहीं था और न ही कोई एफएसएसएआई लाइसेंस नंबर अंकित था। सैंपल जांच के लिए राज्य खाद्य प्रयोगशाला भोपाल प्रेषित किया गया। जांच रिपोर्ट में खाद्य सामग्री का मिथ्याछाप होना पाया गया, जिस पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा प्रकरण में विवेचना किए जाने के बाद प्रकरण न्याय निर्णायक अधिकारी जिला न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण में सुनवाई पूरी होने के बाद संबंधित दुकानदार को मिथ्याछाप खाद्य सामग्री भंडारित और विक्रय करने का दोषी पाया गया।

जिस पर न्यायालय द्वारा संबंधित दुकानदार रामगोपाल साहू पर एक लाख रुपए का अर्थदंड अधिरोपित किया गया। साथ ही खाद्य व्यवसाय के संचालन के लिए खाद सुरक्षा एवं मानक अधिनियम अंतर्गत विनियमों के अनुसार खाद्य पंजीयन प्राप्त करने के लिए आदेशित किया गया। निर्धारित समयावधि में अधिरोपित अर्थदंड जमा न करने पर अधिनियम की धारा 96 के तहत भू राजस्व की बकाया की राशि को वसूल किए जाने का भी आदेश पारित किया गया।

खाद्य पंजीयन दुकान पर प्रदर्शित नहीं पाया
खाद्य सुरक्षा अधिकारी खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा 17 जुलाई 19 को सरवई बस स्टैंड के पास संचालित मिठाई की दुकान कंचन स्वीट हाउस का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान मौके पर कोई भी खाद्य पंजीयन दुकान पर प्रदर्शित नहीं पाया गया। निरीक्षण के दौरान ही वहां एक स्टील की ट्रे में खुले में भंडारित मिठाई पेडा का निरीक्षण करने पर उसके मानक स्तर का न होने की आशंका पर इस मिठाई का सैंपल जांच के लिए लिया गया और जांच के लिए राज्य खाद्य प्रयोगशाला भोपाल भेजा गया।

जांच रिपोर्ट के अनुसार वह मिथ्याछाप पाया गया। छतरपुर न्यायालय द्वारा प्रकरण में सुनवाई पूरी होने पर दुकान संचालक अवधेश गुप्ता को मिथ्याछाप मिठाई विक्रय व भंडारण किए जाने का दोषी पाया। 21 दिसंबर 20 को संबंधित दुकानदार पर एक लाख पचास हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया।



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प्रतीकात्मक फोटो


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