शिवपुरी की कुंडली में बुध की महादशा, उन्नति और विकास के अवसर प्राप्त होंगे

शिवपुरी सिंधीया राजवंश ने वर्ष 5 अक्टूबर 1919 को गजट नोटिफिकेशन जारी कर यकुम जनवरी अर्थात 1 जनवरी 1920 से इस नगरी का नाम शिवपुरी घोषित किया था। इस लिहाज से शिवपुरी अब 101 साल की हो गई है।
उसी गजट नोटिफिकेशन के आधार पर मंशापूर्ण ज्योतिष पंडित विकासदीप शर्मा ने शिवपुरी की कुंडली बनाई है।

19 अक्टूबर 2019 से 17 वर्ष के लिए शिवपुरी की कुंडली में बुध की महादशा लगने से शहर के विकास के लिए विशेष अवसर प्राप्त होंगे। शिवपुरी की कुंडली में बुध ग्रह लग्न और कर्म स्थान का स्वामी है, उसी के साथ पराक्रम भाव में होने से अब शिवपुरी की दशा बदलने जा रही है।

वे बताते हैं कि 2000 से 2019 तक शिवपुरी कुंडली में शनि की महादशा होने से विकास कार्यों में और उन्नति में बाधक बनी रही। अब बुध की महादशा में शहर में शिक्षा, वकालात, पर्यटक, शेयर ब्रोकर, बैंकिंग क्षेत्र में यहां से जुड़े लोगों को अधिक लाभ प्राप्त होगा। 2019 से 2036 तक 17 वर्ष व्यापारिक और कला के क्षेत्र में शहर में विशेष अवसर प्राप्त होंगे। स्व-निर्मित कला के क्षेत्र में भी जनता को लाभ योग बनेंगे। स्वर्ण एवं धातु के व्यापार में भी लाभ होगा।

बुध वाणिज्य का कारक होने से शासन को राजस्व से धन मिलेगा
समाज से जुड़े विशेष व्यक्तित्व को सम्मान भी प्राप्त होगा। बुध की महादशा में शिक्षा के स्तर में पूर्ण सुधार होकर नवीन योजनाएं बनेंगी। इसी के साथ स्वास्थ्य विभाग में भी परिवर्तन और उन्नति के अवसर देखने को मिलेंगे। बुध वाणिज्य का कारक होने से शासन को राजस्व से धन लाभ प्राप्त होगा।

उत्पादन के क्षेत्र में नए अवसर, धर्म कार्यो में वृद्धि, लोक कल्याण और जन कल्याण से जुड़े कार्य होंगे। औषधियों, जड़ी बूटी इत्यादि का संग्रह और उनका सदुपयोग किया जाएगा। संचार की सुविधा बढ़ेगी। प्राचीन सिद्ध स्थानों का पुनर्निर्माण होगा। शुक्र का तृतीय भाव में होने से सौंदर्यीकरण में विकास, रेलवे क्षेत्र में नए निर्माण, लेखन और प्रकाशन में भी सुधार रहेगा।

गुरु-शनि का योग देगा न्याय, धर्म कार्य और दंडात्मक कार्रवाई
शिवपुरी की कुंडली में उच्च गुरु प्रायः प्रजा हित में कार्य होंगे, वाणिज्य व्यापार, कृषि के क्षेत्र में सुधार, मंडी उत्पादन क्षेत्र में लाभ होगा। शिक्षा की नीतियो में बदलाव और धर्म, कानून सख्त होकर अपनी कार्रवाई करेगा। शनि का द्वादश भाव में होने से अस्पताल, आश्रम, कारागृह में सुधार, धार्मिक क्षेत्र में नियम बदलेंगे।

अपराध एवं अपराधी, कर क्षेत्र, मादक क्षेत्र पर कार्रवाई होगी, नए कानून और नियम बदल जाएंगे, शनि का स्वराशि में होना बड़े बदलाव, परिवर्तनों का समय कहलाएगा। प्रबंधकों पर शक्ति से कार्रवाई होगी, गलत कार्य करने वाले जेल जाएंगे, अपराध पर अंकुश लगेगा, साथ ही शासन को कर न देने वालों को समस्याएं आएगी।

विशेष व्यक्तित्व को शहर का नेतृत्व करने का अवसर प्राप्त होगा
शिवपुरी की कुंडली में मंगल लग्न का प्रभाव होने से किसी विशेष व्यक्तित्व को शहर का नेतृत्व करने का अवसर प्राप्त होगा। जिसमें सामाजिक लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इस समय काल में दुर्घटनाओं के योग, वाद-विवाद झगड़ा एवं अग्नि से जुड़ी कोई महत्वपूर्ण घटना सामने आएगी।

मंगल ग्रह को खेल एवं तकनीकी क्षेत्र में विशेष लाभप्रद माना गया है। इस क्षेत्र में कोई विशेष उपलब्धि प्राप्त होगी। मंगल की अंतर्दशा में रोग से मृत्यु दर बढ़ सकती है। अभी महामारी का प्रकोप और भी बढ़ेगा। शासन के खिलाफ विरोधी, प्रदर्शन, हड़ताल आंदोलन इत्यादि करते रहेंगे। किसी महिला पर अत्याचार की घटना शहर में तनाव का माहौल, झगड़ा इत्यादि आ सकते हैं।



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