1000 इंडस्ट्री, 200 होटलों के ताले खुले, पहला दिन सफाई, सैनिटाइजेशन, कर्मचारियों की व्यवस्थाएं जमाने और मशीनों की टेस्टिंग में बीता

जिला प्रशासन की मंजूरी के बाद गुरुवार से 200 होटल, हजार सहकारी समितियाें और छोटी औद्योगिक इकाइयों में काम शुरू हो गया। पहला दिन सफाई, सैनिटाइजेशन, कर्मचारियों की व्यवस्थाएं जमाने के साथ ही मशीनों की टेस्टिंग में बीता।

1. इंडस्ट्री : उद्योग तो खुले, लेकिन रॉ मटेरियल का बैकअप सिर्फ 10-12 दिन का

एक हजार से ज्यादा छोटी औद्योगिक इकाइयों को गुरुवार से काम करने की अनुमति जिला प्रशासन से मिल गई। यहां काम तो शुरू हो गया, लेकिन इन इंडस्ट्री के पास 10 से 12 दिन का रॉ मटेरियल का बैकअप ही है। पहला दिन इंडस्ट्री में सफाई, सैनिटाइजेशन, कर्मचारियों की व्यवस्था और पुराने स्टॉक को ऑर्डर के मुताबिक क्लीयर करने में ही बीत गया। उद्योगपतियों का कहना है कि पूरी तरह से रोटेशन में आने में पांच से सात दिन का समय तो लगेगा। रामबली नगर, संगम नगर, स्कीम 51 और 71, धार रोड आदि क्षेत्रों की इंजीनियरिंग की इकाइयों की सपोर्टिंग इंडस्ट्री को बड़ी मात्रा में रॉ मटेरियल की सप्लाय न्यू सियागंज के टूल मार्केट और नगर निगम स्थित शिवाजी मार्केट से होती है। यह मार्केट जल्द शुरू नहीं हुआ तो उद्योगों को काम करने में दिक्कत होगी।

उद्योगों में पहले दिन आधे वर्कर ही पहुंच सके, पुराने सभी ऑर्डर कैंसल
स्कीम 71 धार रोड स्थित नाकोड़ा स्टील के गौतम जैन ने बताया दो महीने बाद अब इंडस्ट्री खुली है। लोहे व स्टील की अलमारी, कोठी, पेटी आदि के दो महीने पहले के जो भी ऑर्डर थे, वे सारे कैंसल हो गए। अब नए ऑर्डर का इंतजार है। पहले दिन वर्कर भी आधे ही आए तो सफाई करवाकर काम शुरू किया गया। रामबली नगर स्थित सोनी इंजीनियरिंग के भूपेंद्र सोनी ने बताया हमारी कंपनी अलग-अलग कंपनियों की मशीनों के पार्ट्स के मेंटेनेंस व रिपेयरिंग का काम करती है। यह एक तरह से मुख्य इंडस्ट्री की सपोर्टिंग इंडस्ट्री है।

लॉकडाउन में ऑर्डर आए, लेकिन काम बंद होने से समय पर सप्लाय न दे सके
स्कीम 51 कमर्शियल, संगम नगर के पास स्थित एएम टेक्निक के महेंद्र विश्वकर्मा ने बताया हमारी कंपनी फार्मा कंपनियों में पैकिंग मटेरियल के लिए मशीन बनाने का काम करती है। लॉकडाउन में फार्मा कंपनियों का काम तो चालू था, लेकिन हमारी कंपनी को काम करने की अनुमति नहीं मिली। ऐसे में फार्मा कंपनियों को मशीनों की जरूरत पड़ी तो कई फोन आए, लेकिन हम मजबूर थे। उधर, एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष योगेश मेहता ने कहा कि श्रमिकों की कमी है, लेकिन उम्मीद है कि जून के पहले सप्ताह से इंडस्ट्री पूरी क्षमता से चलने लगेगी।

2. सहकारी बैंक : 50% स्टाफ रहा, ग्राहक कम

सहकारी बैंक, साख संस्थाओं में 50% स्टाफ के साथ गुरुवार से कामकाज पटरी पर लाने की शुरुआत हुई। पहले दिन सहकारी बैंक, संस्थाओं में लोग कम ही आए। तिलकपथ स्थित इंदूर परस्पर बैंक, चिकमंगलूर चौराहा परस्पर सहायक सहकारी बैंक, नागरिक सहकारी बैंकों में कामकाजी समय में गिनती के ही ग्राहक आए। सहकारी पेढ़ी में कमजोर वर्ग के लोग जमा पूंजी निकालने के लिए पहुंचे। सभी बैंकों में स्टाफ ने मास्क लगा रखा था। हर कर्मचारी अपने साथ सैनिटाइजर लाया था। साथ-साथ लंच करने वाले अपनी जगह पर ही भोजन करते दिखे।

3. होटल : अनुमति पर असमंजस में रहे कई होटल

खाने की होम डिलीवरी की अनुमति के विषय में गुरुवार को असमंजस की स्थिति रही। स्पष्ट प्रशासनिक आदेश नहीं होने के कारण कई होटल मालिकों ने तैयारियां भी शुरू नहीं की। सरवटे क्षेत्र में स्थित एक होटल के संचालक ने बताया, हमें अभी आदेश नहीं मिले हैं। संभवत: दो दिन में प्रशासन से अनुमति मिलेगी, उसके बाद ही हम काम शुरू करेंगे। आरएनटी मार्ग स्थित एक होटल के मैनेजर ने बताया- करीब 15 कर्मचारियों को खाना बनाने के लिए बुलवाया है। सभी के लिए हैंड सैनिटाइजर, मास्क और कैप को अनिवार्य किया गया है।



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रामबली नगर स्थित एक इंडस्ट्री


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