उज्जैन में एंटीबॉडीज सर्वे : 10 फीसदी आबादी के संक्रमित होने की आशंका

शहर की 10 फीसदी आबादी के कोरोना से पीड़ित होने की आशंका है। इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) की 17 लोगों की टीम ने 2 दिन तक शहर व जिले में सर्वे किया है। टीम ने 400 लोगों के सैंपल लिए हैं। यह टीम शनिवार को लौट गई। इन सैंपलों की जांच चेन्नई स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन ट्यूबरक्लोसिस सेंटर में होगी। इससे पता चलेगा कि शहर में संक्रमण फैलने की क्या स्थिति है?
जबलपुर से आई टीम के सदस्यों ने अलग-अलग ग्रुप बना कर जिले में कई स्थान से सैंपल लिए हैं। सैंपल कहां से लेना है, यह टीम ने ही तय किया। इससे यह भी पता चलेगा कि ऐसे कितने लोग हैं, जिन्हें कोरोना हुआ लेकिन उन्हें पता नहीं चला और ठीक हो गया। यानी उनके शरीर में एंटीबॉडी विकसित होने की क्या स्थिति है? कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार टीम के सदस्यों ने दो दिन तक सैंपलिंग की है। सैंपल की चेन्नई स्थित लैब में एलाइजा टेस्ट के माध्यम से जांच होगी। सीएमएचओ डॉ. महावीर खंडेलवाल के अनुसार जांच से आईजीजी एंटीबॉडीज की उपस्थिति पता चलेगी। एलाइजा टेस्ट को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे द्वारा विकसित किया है।
इधर शनिवार को आई जांच रिपोर्ट में 33 नए पॉजिटिव मिले। इनमें 10 मरीज ऐसे हैं, जिन्हें डोर टू होर सर्वे में खोजा। ये बीमार होकर भी घर बैठे थे, सैंपल लिए तो पॉजिटिव पाए गए। जिले में अब 329 कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। 23 अप्रैल को 103 और 7 मई को 202 पॉजिटिव थे, यानी नौ दिन में 100 से ज्यादा मरीज मिले हैं। रिपोर्ट आने के बाद एडीएम डॉ.आरपी तिवारी ने कुम्हारगली बहादुरगंज, मेवाड़ा गली नामदारपुरा, बेगमपुरा और नलिया बाखल को कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित कर दिया।



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