शादी के लिए 15 दिन कम थी युवक की उम्र, प्रशासन ने रुकवाया, परिवार को समझाया
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के उद्देश्य से कलेक्टर ने विवाह की अनुमति देने के लिए तहसीलदार को अधिकृत किया है। तहसीलदार ओमप्रकाश चोरमा के पास जब एक विवाह के लिए आवेदन आया तो युवक की उम्र 21 साल से कम निकली, तहसीलदार ने परियोजना अधिकारी को जानकारी देकर विवाह रुकवाया। विवाह के लिए अनुमति लेने तहसीलदार भैंसदेही ओमप्रकाश चोरमा के पास 14 मई को आवेदन मिला था। आवेदक लिखीराम उइके ने अपने भतीजे अर्जुन पिता सखीराम निवासी ग्राम सिहार की विवाह की अनुमति मांगी थी। तहसीलदार ने जब आवेदन के साथ लगी अर्जुन की मार्कशीट की फोटो कॉपी की जांच की तो अर्जुन की जन्मतिथि 01/06/1999 होना पाई गई। अर्जुन का विवाह दिनांक 17 मई को होना था, किंतु इस दिनांक को वह बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों के अनुसार विवाह के लिए नियत 21 वर्ष की आयु से 15 दिन कम आयु का होना पाया इसलिए विवाह रुकवाया।बाल विवाह की जानकारी संज्ञान में आने पर तहसीलदार ने परियोजना अधिकारी ऊषा मसीह को जानकारी दी।
दोनों अधिकारी अपने विभागीय अमले और सहायक उप निरीक्षक सुमन मिश्रा के साथ समझाइश देने ग्राम सिहार पहुंचे। मौका जांच करने पर मिला कि अर्जुन का विवाह फूलवती धुर्वे से होना है। फूलवती की जन्मतिथि 10/01/2020 को वह विवाह के लिए निर्धारित आयु 18 वर्ष से अधिक है, किंतु अर्जुन की आयु 21 वर्ष से 15 दिन कम है। इस पर अर्जुन की माता सीमा उइके और चाचा लिखीराम तथा फूलवती के पिता प्रेमलाल को बाल विवाह ना करने बाबत समझाइश दी। दोनों पक्षों द्वारा बाल विवाह ना करने की बात मानते हुए अर्जुन के 21 साल की आयु पूर्ण करने के बाद ही विवाह करने के लिए लिखित में आश्वासन दिया।
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