कई साल से एक डॉक्टर को 18 घंटे तक ड्यूटी लगाने का बिगड़ा सिस्टम सुधारा, फिर भी हालात वैसे ही हैं
कोरोना के खतरे के बीच शाजापुर जिला अस्पताल में डॉक्टरों की ड्यूटी का मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। यहां पदस्थ सेकंड क्लास डॉक्टर डीके घनघोरिया से लाख कोशिशों के बाद भी स्वास्थ्य अधिकारी ड्यूटी नहीं करवा पा रहे हैं। गेहूं खरीदी केंद्र व अन्य ड्यूटी से हटा देने के बाद भी अब उन्होंने सिर्फ दो ड्यूटी करने की हामी भरी। लेकिन काम अब भी वे अपने पुराने ढर्रे के आधार पर ही कर रहे हैं। इस कारण पैरीफेरी (ग्रामीण) क्षेत्रों में तैनात डॉक्टर भी अब जिला अस्पताल की ड्यूटी करने से कतराने लगे हैं। यदि ऐसे ही हालात रहे तो जिला अस्पताल में इमरजेंसी में आने वाले मरीज डॉक्टरों के इंतजार में ही दम तोड़ देंगे। इधर, मामला सिविल सर्जन से लेकर सीएमएचओ और कलेक्टर तक पहुंच गया, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर भी अब तक डॉक्टरों से काम लेने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका। लापरवाही करने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई नहीं हो पाने के कारण अन्य डॉक्टरों में भी अब कार्रवाई का भय नहीं है।
कई साल बाद सुधारा समय
शाजापुर जिला अस्पताल में डॉक्टरों की ड्यूटी का समय प्रदेशभर के अस्पतालों से बिलकुल अलग था। यहां दो शिफ्टों में ही अस्पताल संचालित होता था। पहली ड्यूटी सुबह 8 से दोपहर बाद 4 बजे तक 8 घंटे की थी, जबकि दूसरी ड्यूटी दोपहर बाद 4 बजे से लेकर अगले दिन सुबह 8 बजे तक यानी सीधे 16 घंटे तक एक ही डॉक्टर की ड्यूटी रहती थी। ड्यूटी का मामला गर्माने के बाद यहां के डॉक्टरों ने उक्त समय को लेकर आपत्ति जताई। प्रशासनिक अफसरों को भी इससे अवगत कराया। तब कहीं जाकर प्रबंधन ने अब ड्यूटी के समय में बदलाव किया। अब पहली ड्यूटी सुबह 8 से दोपहर 2, दूसरी दोपहर 2 से रात 8 और तीसरी ड्यूटी रात 8 से सुबह 8 बजे तक तय की गई है, जो पूरे प्रदेश में लागू है।
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. शुभम गुप्ता के मुताबिक डॉक्टरों पर ड्यूटी का बोझ न आए। इस कारण साल पहले से चले आ रहे समय में बदलाव कर दिया गया है। इससे डॉक्टरों का काफी हद तक दबाव कम हो गया है। ड्यूटी को लेकर सामने आए हालात के मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया है। जल्द ही इसका हल निकालेंगे।
सेकंड क्लास डॉक्टर की इमरजेंसी ड्यूटी लगाई जाए
यदि ग्रामीण क्षेत्र के डॉक्टर ड्यूटी करने नहीं आते हैं तो भी जिला अस्पताल अपने स्तर से भी इस समस्या का निराकरण कर सकते हैं। कोरोना के संकट के समय सेकंड क्लास के डॉक्टरों की भी इमरजेंसी ड्यूटी लगाना चाहिए। जिला अस्पताल में डॉ. घनघोरिया के अलावा एक अन्य डॉक्टर एस.के. खंडेलवाल हैं। ऐसे में डॉक्टरों की कमी के दौरान प्रबंधक डॉ. खंडेलवाल की ड्यूटी भी लगा सकते हैं, लेकिन अब तक प्रबंधन ने इस ओर ध्यान देना ही उचित नहीं समझा। यदि ऐसा हो जाए तो ड्यूटी संबंधी 80 प्रतिशत समस्या का स्वत: ही समाधान हो जाएगा।
ड्यूटी के लिए फिलहाल ये डॉक्टर
अस्पताल में ड्यूटी के नाम पर अभी डॉ. घनघोरिया, डॉ. नावेद शेख और डॉ. मनोज पंचोली हैं। इसके अलावा सीएमएचओ ने ग्रामीण क्षेत्र में तैनात डॉ. सुमित यादव, डॉ. शुभम अग्रवाल, डॉ. सदाशिव पारीख को यहां लगाया है। बाद मेंडॉ. आनंद नायक, डॉ.रामचित चक्रवर्ती, डॉ. आलोक शुक्ला की ड्यूटी भी लगाई, लेकिन गत दिनों डॉ. शुक्ला ड्यूटी पर नहीं आए और बवाल मच गया।
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