पहली बार भर्ती मरीजों से बड़ा आंकड़ा ठीक हुए लोगों का, 891 पहुंचे घर; लॉकडाउन 17 बाद भी

संजय गुप्ता .कोरोना से जूझ रहे इंदौर में शनिवार का दिन एक बड़ी राहतभरी खबर लाया। 1196 सैंपल में से 78 नए पॉजिटिव मरीज मिलने से कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 1858 हो गई, लेकिन अब शहर में एक्टिव (भर्ती) मरीज 878 ही रह गए हैं, जबकि उससे ज्यादा यानी 891 मरीज स्वस्थ होकर घर पहुंच चुके हैं। लगभग 47 दिन के कोरोनाकाल में ऐसा पहली बार हुआ है, जब स्वस्थ मरीजों की संख्या उपचाररत मरीजों से अधिक हो गई है। हालांकि मरीज और पॉजिटिव रेट कम होने के बाद भी शहर में 17 मई को लॉकडाउन नहीं खुल पाएगा। यह 30 मई तक जारी रह सकता है। चरणबद्ध तरीके से छूटें मिलती जाएंगी। जब तक पॉजिटिव मरीज मिलेंगे, राहत नहीं मिलेगी। राजबाड़ा, 56 दुकान जैसी भीड़ वाली जगहें दो से तीन महीने तक खुलना मुश्किल है। मॉल, टॉकिज भी नहीं खुलेंगे, क्योंकि जून-जुलाई में फिर वायरस के पीक पर आने की आशंका है।

-मनीष सिंह, कलेक्टर के मुताबिक, स्थिति 80% नियंत्रण में आ गई है। आर्थिक गतिविधियां शुरू हो रही हैं, लेकिन अभी भीड़ से बचना है और फिर बारिश के समय भी ध्यान रखना है। इसलिए 30 मई तक लोग घरों में ही रहें, तभी संक्रमण पूरी तरह खत्म होगा।

टीपीआर 4 फीसदी भी तो 30-40 मरीज मिलेंगे

  • अगले चार दिन तक 1 हजार लोगों के सैंपल होने से 500 से 1200 टेस्ट रिपोर्ट एक साथ आएगी। अगर टीपीआर 4 फीसदी भी रहा तो हर दिन 30-40 मरीज आएंगे।
  • चार दिन बाद इन पॉजिटिव मरीजों के करीबियों के सैंपल लेंगे। तब 500 सैंपल में से सात दिन तक औसत 15 मरीज आना संभावित हैं। यानी 17 मई तक मरीज मिलना संभावित है।
  • किसी जोन को ऑरेंज करने के लिए सात दिन और ग्रीन करने के लिए 14 दिन तक मरीज नहीं मिलना चाहिए। ऐसे में इंदौर में मई अंत तक यह स्थिति बनेगी, उसके सात दिन बाद राहत मिलना शुरू होगी।
  • प्रशासन को मरीजों का आंकड़ा 2200 से 2500 के बीच जाने की आशंका है।




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62 साल के एएसआई भगवती शरण शर्मा कोरोना से जंग जीतकर चोइथराम अस्पताल से बाहर आए तो दंग रह गए। डीआईजी व अन्य आला अफसर उनके स्वागत के लिए वहां मौजूद थे। शर्मा को खुली जीप में बैठाकर घर तक छोड़ा गया। इस दौरान पुलिस बैंड देशभक्ति की धुन बजाते साथ चलता रहा।


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