ट्रेंचिंग ग्राउंड में कचरा छंटाई फिर शुरू, 90 टन जैविक खाद बेचने के लिए तैयार

लॉकडाउन के कारण नपा के ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरा छंटाई का काम बंद हो गया था। इससे कचरे के ढेर लग रहे थे, हालांकि इन दिनों 25 से 30 टन कचरा निकल रहा है। नपा ने मशीन से कचरा छंटाई के साथ उससे जैविक खाद बनाने का काम भी शुरू कर दिया है। प्रतिदिन 8 घंटे मशीन चलाई जा रही है, नपा के पास पुराना व नया मिलाकर करीब 90 टन जैविक खाद एकत्र हो गया है। जो किसानों को खेती के साथ बगीचों के लिए दिया जाएगा।
कोराेना के कारण 54 दिन से लॉकडाउन जारी है। इस दौरान शहर में गंदगी कम हाेने के साथ कचरा भी आधा ही निकल रहा है। कचरे को भोलियावास स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड व कनावटी रोड स्थित कचरा ट्रांजेक्शन पॉइंट पर एकत्र किया जा रहा है। कंटेनमेंट क्षेत्र से निकलने वाले कचरे को 10 फीट गहरा गड्ढा खोदकर डंप करने के साथ जलाने योग्य कचरे को एंसीलेटर में जलाया जा रहा है। ट्रेंचिंग ग्राउंड व ट्रांजेक्शन पॉइंट का कचरा सूखने लगा है। इस कचरे में से पॉलीथिन, प्लास्टिक की छंटाई के बाद उसे ट्रेंचिंग ग्राउंड स्थित मशीन से छंटाई की जा रही है। मशीन से तीन से चार तरह की छंटाई हो रही है। इसमें कचरे का सबसे बारिक हिस्सा जो जैविक खाद के रुप में बदल जाता है। उसकी अलग छंटाई हो रही है, जबकि मोटी रेत व अन्य कचरा अलग निकल रहा है।
2 रुपए किलो में बेचेंगे खाद
घर से निकलने वाले किचन व सब्जी वेस्ट से जैविक खाद बनाई जा रही है। नपा के पास दोनों तरह की खाद का 80 से 90 टन स्टॉक हो चुका है। अब इसे किसानों सहित अन्य लोगों को 2 रुपए किलो में बेचने की तैयारी कर रही है।
जैविक खाद का खेतों व बगीचों में हो सकेगा उपयोग
नीमचनपास्वास्थ्य अधिकारीविश्वास शर्मा ने बताया कि लंबे समय से कचरे की छंटाई और उससे जैविक खाद बनाने का कार्य बंद था। जिसे फिर से शुरू कर दिया है। लंबे समय से कचरा पड़ा होने के कारण उसमें मौजूद खाने योग्य व अन्य कचरा सड़कर जैविक रूप ले चुका है। ऐसे में मशीन से छंटाई के बाद सबसे बारिक जो कचरा निकलता है। वह जैविक खाद बनकर निकलता है। इसे खेत व बगीचों में उपयोग ले सकते हैं।
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