राहत की उम्मीदें बँधते ही निकली भीड़, सैकड़ों वाहन दौड़ते नजर आए, कहीं ऐसे भी दिखे हालात जैसे खत्म हो गया हो लॉकडाउन..

लॉकडाउन का तीसरा चरण भी खत्म होने में अब 5 दिन बचे हैं और राहत का एक और पिटारा खुलने वाला है, इसके बावजूद लोग मानने तैयार नहीं हैं। बाजारों में ऐसी भीड़ उमड़ रही है जैसे कोरोना वायरस का संक्रमण खत्म हो गया हो। सड़कों पर सुबह और शाम सैकड़ों वाहन दौड़ते नजर आते हैं। चौराहों पर पुलिस तैनात है जो जुर्माना भी वसूल रही है, इसके बावजूद लोग रास्ता बदलकर या बहाना बनाकर बेवजह घूमने निकल रहे हैं। यही हाल रहा तो शहर को जो राहत मिलने वाली है उस पर रोक लगाई जायेगी और प्रशासन और सख्ती बरतेगा। प्रधानमंत्री के उद्बोधन के बाद अब यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में बहुत सी स्थितियाँ सामान्य होंगी और शहर में व्यापार पटरी पर लौटेगा।

ढील का गलत फायदा उठाया, सदर में बढ़ी सख्ती
सदर क्षेत्र में भी बहुत ढील दी गई थी और लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो इसका ख्याल रखा गया था। ढील का गलत फायदा उठाने और दुकानों के बेवजह खोलने पर मंगलवार से क्षेत्र में अचानक से सख्ती बढ़ा दी गई है। दुकानदारों से पूछा जा रहा है कि उन्हें अगर परमीशन है तो किससे मिली है वह दिखायें, वहीं अगर वाहन पर कोई घूम रहा है तो उसके घर से बाहर निकलने का कारण पूछा जा रहा है।

कैसे खुल गईं दुकानें
लॉकडाउन का तीसरा चरण अभी 17 मई तक जारी रहेगा। शहर की बहुत सी दुकानें खोलने की परमीशन है, लेकिन इसकी आड़ में वे दुकानें भी खुल रही हैं जिन्हें अभी नहीं खोला जाना है। दुकानदार शटर के नीचे से हर सामग्री बेच रहे हैं यह गलत है और कार्यवाही भी हो रही है, लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा है।

भरत यादव, कलेक्टर ने कहा
दुकानें अब खुलेंगी और लोगों को राहत दी जाएगी, लेकिन जो गाइड लाइन है उसे मानना होगा। लोग मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें, बेवजह कहीं भीड़ न लगाएँ, कोई काम न हो तो घर से बाहर न निकलें। सावधानी जितनी ज्यादा बरती जाएगी वे उतने सुरक्षित रहेंगे।

सैकड़ों पासधारी शहर में
शहर में लोकल पास वालों की संख्या भी बहुत ज्यादा है। कोई एसडीएम, तहसीलदार के यहाँ बने पास लेकर घूम रहा है तो कोई कंट्रोल रूम के पास लेकर शहर नाप रहा है। नगर निगम, विद्युत विभाग, रेलवे और अन्य विभाग के कर्मचारी पास लेकर घूम रहे हैं। कई लोग ऐसे हैं जिन्हें परमीशन भी है कि वे दुकान खोल सकते हैं या फिर आवश्यक सेवाओं से जुड़े हैं। वहीं एसडीएम, तहसीलदार और कंट्रोल रूम के साथ ही विभागीय लोगों ने भी पैसे लेकर पास लोगों को जारी किये हैं, अगर इन पासों की जाँच हो जाये तो पूरी हकीकत सामने आ जायेगी।



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As the hopes of relief rose, hundreds of vehicles were seen running, and there were situations such as lockdown.


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