कंटेनमेंट एरिया में जरूरी और नॉन कंटेनमेंट में लेफ्ट-राइट से अलग-अलग समय खुलें दुकानें

17 मई के बाद शहर में लॉकडाउन बढ़ेगा। हालांकि तीन बार के लॉकडाउन की तुलना में इस बार कुछ रियायतें दी जा रही हैं। फिर भी इस बार किस तरह छूट मिले, किस तरह की रोक जारी रहे, इसी को लेकर भास्कर ने पाठकों से सुझाव मांगे। जो सुझाव अब तक मिले, उनमें से कुछ प्रकाशित किए जा रहे हैं। सभी सुझावों को प्रशासन तक पहुंचाया जाएगा।
इधर, बंद शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के काम फिर शुरू
अमृत योजना के साथ ही स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधूरे काम शुरू करने की कलेक्टर से अनुमति के बाद शुक्रवार से काम शुरू हो गया। अमृत योजना के तहत भूरी टेकरी, तेजाजी नगर, बिचौली मर्दाना, त्रिवेणी पार्क में पानी की टंकियों का निर्माण शुरू किया गया। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत गोपाल मंदिर, गांधी हाॅल के जीर्णोद्धार का काम भी शुरू हो गया। स्टार चौराहे पर बस डिपो निर्माण, सरवटे बस स्टैंड से शास्त्री अंडर ब्रिज तक सीवर लाइन डालने का काम भी शुरू कर दिया गया। वहीं, आजाद नगर, बिजलपुर, नहर भंडारा, राधा स्वामी एसटीपी प्लांट पर भी वहां रह रहे मजदूरों ने काम की शुरुआत की।
सब्जी ठेले वालों को ग्रीन जोन में पास मिले
- अंकित पांडेय, न्यू गौरी नगर के मुताबिक, सब्जी के ठेले वालों को ग्रीन जोन में सब्जी बेचने के लिए पास दिए जाने चाहिए। मजदूरों को रोजगार के लिए कंस्ट्रक्शन से जुड़े काम फिर शुरू होना चाहिए।
किराना-सब्जी सप्लाय में और सुधार हो
- ऋषि दुबे, सुदामा नगर के मुताबिक,डोर टू डोर किराना और सब्जी की सप्लाय का सिस्टम और दुरुस्त होना चाहिए। कहीं-कहीं अधिक कीमतें वसूली जा रही हैं। इस पर नियंत्रण होना चाहिए। { पॉजिटिव केसेस भी लगातार सामने आ रहे हैं, ऐसे में लॉकडाउन और बढ़ाना चाहिए।
कंटेनमेंट एरिया में धीरे-धीरे छूट दी जाए
- मंजूर बेग, राजबाड़ा के मुताबिक, जिन क्षेत्रों में कोरोना वायरस के मरीज मिले हैं, वहां लॉकडाउन-4 में धीरे-धीरे छूट देना चाहिए। जिन क्षेत्रों में मरीज नहीं हैं, वहां दुकान और कारोबार चालू होना चाहिए, क्योंकि प्रतिबंध से छोटे दुकानदार और रोज कमाने वाले परेशान हैं। इंदौर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए इंदौर को वापस पटरी पर लाना जरूरी है।
मॉल, मंदिर, होटल, सैलून, स्पा बंद ही रहें
- राधिका राजपूत, रघुनंदन बाग कॉलोनी के मुताबिक, लॉकडाउन धीरे-धीरे खोला जाना चाहिए। हमें कोरोना महामारी के साथ जीना सीखना होगा। { मॉल्स, स्कूल, मंदिर, होटल, सिनेमा हॉल, सैलून, स्पा अभी बंद ही रहना चाहिए। { दफ्तर, फैक्टरी, दुकानें नियम व शर्तों के साथ खोलना अब जरूरी है।
नए केस कम हों तो 1 जून से राहत बढ़ाएं
- प्रजेश हालन, एबी रोड के मुताबिक, कंटेनमेंट एरिया में जरूरी दुकानें ही खुलें। नॉन कंटेनमेंट एरिया में एक तरफ की दुकानें सुबह 10 से 3 और दूसरी तरफ की दुकानें दोपहर 3 से शाम 7 बजे तक एक दिन छोड़कर खोली जाएं। 31 मई तक यह व्यवस्था लागू होना चाहिए। नए केस कम हों तो 1 जून से राहत और बढ़ाना चाहिए।
हफ्ते में तीन दिन हो फल, सब्जी की बिक्री
- विकास परदेशी, अहिल्यापुरी के मुताबिक, अलग-अलग सेगमेंट की दुकानें अलग-अलग दिन खोली जाना चाहिए। जैसे दो दिन कपड़ा दुकानें, दो दिन जूते-चप्पल की दुकान। इलेक्ट्रिशियन और प्लंबर को काम करने की छूट मिलना चाहिए।सप्ताह में तीन दिन फल और सब्जी की बिक्री होना चाहिए। स्टेशनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटो पार्ट्स दुकानों को भी अनुमति देना चाहिए।
पैकिंग में ही डिलीवर हो दूध, राशन
- श्याम झाला (गुर्जर), इंदौर के मुताबिक,खाद्य सामग्री, दवाई, हॉस्पिटल से जुड़े कामों को ही अनुमति दी जाए। { दूध, राशन पैकिंग में ही डिलीवर किया जाए।मॉल्स, स्कूल अभी बंद ही रखे जाएं। जरूरी विभागों से जुड़े दफ्तर खोले जाएं। केवल आलू, प्याज, लहसुन, अदरक और अनाज मंडी ही खोलना चाहिए।{ सभी रेडीमेड गारमेंट कंपनी को मास्क बनाने के लिए सामग्री देना चाहिए और मास्क तैयार कर मुफ्त में बांटना चाहिए।
गली-मोहल्लों की दुकानें शुरू करें
- अनिल बक्षी, सुदामा नगर के मुताबिक, संपूर्ण लॉकडाउन न खोलकर गली-मोहल्लों की किराना दुकानों को सिर्फ कुछ समय के लिए खोला जाए। { अॉड-ईवन आधारित व्यवस्था को भी अमल में लाया जा सकता है।
27 मई से लॉकडाउन खुलना चाहिए
- राकेश साहू के मुताबिक, 27 मई से सभी किराना दुकानें, निजी कंपनियां, दफ्तर धीरे-धीरे खोलकर रोजगार देना चाहिए। सोशल डिस्टेंस, मास्क अनिवार्य होना चाहिए। { होटल, स्कूल, सैलून अभी नहीं खुलना चाहिए।
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