हाईवे पर आवारा मवेशियों के झुंड से लोग हो रहे हादसे के शिकार, प्रशासन नहीं ले रहा सुध

हाईवे पर दौड़ रहे आवारा मवेशियों को नहीं पकड़े जाने की वजह हादसे का कारण बन रही है। ऐसे में वाहन चालकों को भी अपनी जान का खतरा बना हुआ है। नगर के कुंहाजापुर हाईवे पर तो दिनभर ही आवारा मवेशी घूमते दिखाई देते हैं। पूर्व में नगर आवारा मवेशियों के टकराने की वजह से हो चुके हादसों के बाद भी नगर परिषद ने सबक नहीं लिया और न ही मवेशियों को पकड़ने की कवायद शुरू कराई है।
बड़ौदा कस्बे के सबसे व्ययस्तम बागर क्षेत्र में लोगों का दिनभर आना जाना होता है। बत्तीसा क्षेत्र के ग्रामीण भी बड़ौदा और श्योपुर पहुंचने के लिए इसी मार्ग का उपयोग करते हैं। लेकिन आवारा मवेशियों के चलते दुपहिया वाहन चालकों को मवेशियों से वाहन टकराने की आशंका बनी ही रहती है। झुंड में चलने वाले ये आवारा मवेशी पैदल चलने वाले लोगों को भी नुकसान ही पहुंचाते हैं। रात के समय में भी आवारा मवेशी सड़कों पर डेरा डाले दिखाई देते हैं। अंधेरे में कई बार आवारा मवेशियों में वाहन टकराने की वजह से लोगों की जान भी जा चुकी है। कुंहाजापुर हाईवे पर कई बार इन मवेशियों की कतार ऐसी दिखाई देती है कि मानों हाईवे इनके लिए ही तैयार किया गया हो। गुरुवार को बड़ौदा के कुंहाजापुर हाईवे पर मवेशियों की ऐसी ही कतार दिखाई दी। एक बार तो दिन में ट्रैफिक जाम की स्थिति भी पैदा हो गई। स्थानीय लोगों ने गुरुवार को नगर परिषद के अधिकारियों से आवारा मवेशियों को पकड़कर जंगल में भिजवाने की मांग की है।
भोजन पानी की तलाश में घूमते हैं मवेशी
लॉकडाउन के बीच हाईवे से आवारा मवेशियों का झुंड गायब हो चुका था। क्योंकि उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में खड़ी नरवाई से भोजन मिल रहा था लेकिन किसानों के द्वारा नरवाई में आग लगा दी गई। जिसके चलते मवेशियों को भोजन मिलना बंद हो गया। मवेशी भोजन की तलाश में हाईवे पर घूमते हुए दिखाई देते हैं।
हादसों के बाद भी नहीं लिया जा रहा सबक
आवारा मवेशियों के टकराने की वजह से आए दिन हादसों की संख्या में इजाफा हो रहा है। जिले में हर रोज आवारा मवेशियों से वाहन टकराने की वजह से हादसों के मामले सामने आ रहे हैं। मंगलवार को शहर के बाबंदा नाले के सोंठवा की ओर जा रहे जीजा सालों की बाइक भी आवारा मवेशी से टकरा गई। जिससे बाइक सवार साले की मौत हो गई। जबकि जीजा गंभीर रूप से घायल जिसका अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। बड़ौदा में भी कुंहाजापुर हाईवे पर भी आवारा मवेशियों से वाहन टकराने की वजह से कई घटनाएं हो चुकी हैं।
सींग पर रेडियम नहीं होने से अंधेर में दिखाई नहीं देते
आवारा मवेशियों को सींग पर रेडियम रिफलेक्ट र लगाए जाते हैं। रात के अंधेरे में रेडियम रिफलेक्टर के चमकने से मवेशी दूर से ही नजर आने लगते हैं। लेकिन बड़ौदा क्षेत्र में हाईवे पर घूमने वाले मवेशियों के सींगों पर रेडियम रिफलेक्टर नहीं लगा हुआ है। ऐसे में अंधेरे में वाहनों के मवेशियों से टकराने की आशंका बनी ही रहती है। जिसमें लोगों की जान जाने का खतरा भी बना रहता है।
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