मरीज ठीक हो घर जाते हैं तो तसल्ली होती है, थांदला रोड की सिमरन इंदौर में कर रही कोरोना मरीजों का इलाज

इंदौर मेंस्टाफ नर्स के पद पर काम करते हुए सिमरन पाल कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज कर रही है। पीपीई किट में कभी 6 तो कभी 12 घंटे तक कामकरती है।
भास्कर से मोबाइल पर चर्चा में उसने बताया कि अभी मेरी ड्यूटी कोविड केयर सेंटर दि चंद्रकला होटल में है। यहां 28 अप्रैल से पॉजीटिव मरीजों का आना शुरू हो गया। तब से काम की चुनौती और बढ़ गई। मरीजों का इलाज करने के साथ खुद काे संक्रमण से बचाने की बड़ी चुनाैती रहती है, लेकिन इन सबके बीच जो भी मरीज ठीक होकर घर जाता है तो बड़ी तसल्ली मिलती है। यहां से अभी तक 15 मरीज ठीक होकर गए हैं। उनमें दो बहनें भी हैं, जो लगातार मैसेज करती है। उनसे एक रिश्ता बन गया है। सिमरन कहती हैं, किसी की जान बच जाए। इससे बढ़कर कोई काम नहीं।
पीपीई किट पहनने के बाद पानी भी नहीं पी सकते
सिमरन ने बताया कोरोना मरीजों के बीच बिना पीपीई किट पहनकर जाना पड़ता है। कोरोना मरीज के पास जाने से पहले पीपीई किट, एन-95 मास्क, ग्लव्स पहनना पड़ते हैं। किट पहनने के बाद कुछ खाना तो दूर पानी भी नहीं पी सकते हैं। गर्मी में लगातार छह घंटे किट पहनकर काम करना मुश्किल होता है। क्योंकि किट पूरी तरह से टेप से चिपकी होती है। यह एक बार ही उपयोग होती है। सिमरन ने बताया ड्यूटी खत्म करने के बाद हम अपने रूम होटल श्रीनिवास में चले जाते हैं।
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