कोरोना इफेक्ट : 9 से 12वीं क्लास के बच्चों को व्यावसायिक पाठयक्रम पढ़ाने वालों को निकाला

सरकारी स्कूलों में 9 से 12वीं तक व्यावसायिक पाठयक्रम पढ़ाने वाले शिक्षकों की लोक शिक्षण संचालनालय ने सेवाएं समाप्त कर दी है। ऐसे में शिक्षकों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ये शिक्षक मंगलवार को शिक्षा विभाग और कलेक्टोरेट पहुंचे और नौकरी पर रखने की मांग की।
शिक्षक अश्विन कुमार योगी, सुरेश राठौड़, पुनीत मेहता, भंवरलाल नागर, प्रवेश पाटीदार, ईश्वरसिंह राठौर, गुंजन व्यास ने बताया राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत सरकारी स्कूलों में व्यावसायिक पाठयक्रम का संचालन किया जा रहा है। 9 से 12वीं तक के स्टूडेंट के लिए यह पाठयक्रम संचालित होता है। कोरोना के संक्रमण के बीच लोक शिक्षण संचालनालय ने 30 मार्च को व्यावसायिक पाठयक्रम पढ़ाने वाले शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी। इसके बाद आदेश को स्थगित करते हुए व्यावसायिक प्रशिक्षकों की सेवाएं 30 अप्रैल तक बढ़ा दी। 1 मई को अनुबंध आगे नहीं बढ़ाया और हमारी सेवा हमेशा के लिए समाप्त कर दी, छत्तीसगढ़, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों में शिक्षकों की समयावधि बढ़ाने के साथ वेतन का भुगतान किया जा रहा है। हमारे यहां हमें नौकरी से ही निकाल दिया है।

बिना इंटरनेट के बच्चे अध्ययन जारी रख सकेंगे, चौथे ऑनलाइन प्रशिक्षण में शिक्षकों को दिए निर्देश

पिपलौदा | जिन बच्‍चों के पास मोबाइल इंटरनेट की सुविधा नहीं है वह भी अपना अध्‍ययन निरंतर जारी रख सकेंगे। इसके लिए राज्‍य शिक्षा केंद्र ने दूरस्थ शिक्षा’ के विभिन्‍न आयामों से शिक्षकों को अवगत करवाने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रारंभ किया है। यह प्रशिक्षण का चौथा भाग है, इसके पहले 3 ऑनलाइन प्रशिक्षण शिक्षकों को दिए जा चुके हैं।
कोविड-19 के कारण ग्रीष्मकाल में शिक्षकों के होने वाले सभी प्रशिक्षणों को ऑनलाइन किया है। इसके 3 चरण पूर्व में हो चुके हैं। इनमें पहले चरण में लगभग 350 शिक्षक, दूसरे चरण में 785 तथा तीसरे चरण में 1500 शिक्षक प्रशिक्षण से वंचित हैं। जिले की 1 से 12 तक की शालाओं में पदस्‍थ शिक्षकों, अधिकारियों तथा जनशिक्षकों को प्रशिक्षण करना जरूरी है। जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्‍थान के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र गुप्‍ता ने बताया चौथे चरण में कोविड-19 के खतरे को देखते हुए शिक्षक किस प्रकार अपने स्‍कूल के छात्रों को शिक्षा से जोड़ सकते हैं, इसे लेकर जानकारी दी। इस प्रशिक्षण में शिक्षकों की भूमिका, पालकों से संपर्क, ऑनलाइन शिक्षण से व‍ंचित बच्‍चों की शिक्षा को निरंतर रखने के गुर सिखाए हैं। जिला शिक्षा केंद्र के अकादमिक समन्वयक चेतराम टांक ने बताया जिले की सभी शालाओं में कक्षावार वाट्सएप समूह बनाए हैं। इसमें 12वीं तक के बच्‍चों को जोड़कर राज्‍य स्‍तर से प्राप्‍त शिक्षण सामग्री भेजी जा रही है। बच्‍चों का शिक्षण हो रहा है। शिक्षकों को प्रशिक्षण के माध्‍यम से तैयार किया जा रहा है कि जो छात्र ऑनलाइन सामग्री प्राप्‍त नहीं कर पा रहे हैं तथा इन समूहों से नहीं जुड़े उनकों शिक्षण से वंचित नहीं रखा जा सकता है। समूहों में ऑनलाइन अध्‍ययन से जुड़े छात्रों तथा उनके पालकों से फीड बैक तथा शिक्षकों से शिक्षक सहभागिता फार्म ऑनलाइन भरवाए जा रहे हैं। मॉनिटरिंग नीति आयोग के साथ समूह तथा राज्‍य शिक्षा केंद्र द्वारा की जा रही है।



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