सामूहिक संक्रमण रोकने पूल सैंपलिंग का दावा हकीकत: किट कम, बिना जांच लौटाए कई लोग

कोरोना का सामूहिक संक्रमण रोकने एक ओर प्रशासन द्वारा अब पूल सैंपलिंग कराई जा रही है, लेकिन डबरा भितरवार अस्पताल में जांच किट का स्टॉक नहीं होने की वजह से सैंपलिंग कराने के लिए आए दिन लोगों को लौटना पड़ रहा है। हालत यह है कि स्टॉक रखने की बजाए रोज किट ग्वालियर से भेजी जाती है, लेकिन काफी कम संख्या में। यही कारण है कि जितने लोगों की सैंपलिंग होनी चाहिए, उतनी नहीं हो पा रही है। गुरुवार को पिछोर में जांच के लिए आए दो सौ लोगों में से केवल 75 लोगों की सैंपलिंग हो पाई, बाकी को लौटा दिया गया था। जिन लोगों को लौटाया, उनकी दूसरे दिन भी जांच नहीं कराई गई।
दरअसल शासन द्वारा बाहर से आने वाले व संदिग्ध लोगों की ज्यादा से ज्यादा सैंपलिंग कराए जाने के लिए कहा जा रहा है। प्रशासन इसके लिए प्रयास भी कर रहा है और सर्वे के माध्यम से ऐसे लोगों को सैंपलिंग के लिए पहुंचा रहा है। लेकिन जांच किट का अभाव इसमें बाधा बन रहा है। जिला अस्पताल से सिविल अस्पताल डबरा व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भितरवार में कम संख्या में जांच किट भेजी जा रही है। जिसकी वजह से सैंपलिंग कराने के लिए आए दिन कई लोगों काे लौटा दिया जाता है। यही नहीं जो लोग लौटाए जाते हैं, उनकी दोबारा से सुध ही नहीं ली जाती है, यानी वह सैंपलिंग कराने से वंचित ही रह जाते हैं। महीने में कई दिन तो स्थिति यह बनती है जांच किट होती ही नहीं है। शुक्रवार को भी डबरा में 42 लोगों की सैंपलिंग के बाद महज 15 किट बची हैं, ऐसे में अब शनिवार को सैंपलिंग नहीं हो पाएगी।
जिला अस्पताल से ब्लॉक के लिए औसतन 50 से 75 जांच किट ही भेजी जा रही हैं
ज्यादा से ज्यादा लोगों की सैपलिंग हो सके इसलिए प्रशासन द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, कोटवार, पंचायत सचिवों के माध्यम से गांव-गांव में जाकर सर्वे कराया जा रहा है। इसके बाद संदिग्ध मरीजों की सूची तैयार कर सैंपलिंग के लिए भेजा जा रहा है। लेकिन जांच किट के अभाव में कम ही लोगों की सैंपलिंग हो पा रही है। जिला अस्पताल से औसतन 50 से 75 के बीच ही जांच किट भेजी जाती हैं। लेकिन कई बार सैंपलिंग के लिए आए लोगों की संख्या 200 से ऊपर पहुंच जाती है। जबकि सामूहिक संक्रमण को रोकने लिए प्रशासन द्वारा पूल टेस्टिंग कराई जा रही है। इसमें ऐसे लोगों की भी सैंपलिंग कराई जा रही है, जिनमें किसी प्रकार के न तो लक्षण हैं और न ही वह कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए हैं। इनमें सभी विभागों के कर्मचारियों, हाथ ठेला वाले सहित अन्य लोग शामिल हैं।
किट नहीं होने से पांच दिन तक करना पड़ा था इंतजार
बिलौआ में दिल्ली से आए पिता पुत्र के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद उनके संपर्क में आए परिजनों व अन्य लोगों को होम क्वारेंटाइन किया गया था। अगले दिन सभी की सैंपलिंग होनी थी, लेकिन तीन दिन जांच किट के अभाव में सैंपलिंग नहीं हो सकी थी। इसके बाद चौथे दिन सभी को बस द्वारा डबरा सैंपलिंग के लिए लाया गया, लेकिन जांच किट समाप्त होने के बाद सभी को लौटा दिया गया था। इसके बाद पांचवे दिन टीम भेजकर बिलौआ में ही सैंपल लिए गए थे।
कई घंटे लाइन में लगने के बाद भी नहीं आ पाता नंबर
कई लोग सर्दी जुखाम बुखार के लक्षण होने पर खुद ही जांच कराने के लिए पहुंचते हैं। दिनभर लाइन में लगने के बाद जब उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है तो वह दोबारा जाने में संकोच करते हैं। ऐसे में लोग पहुंच ही नहीं पाते हैं। शहर के पिछोर तिराहा क्षेत्र में रहने वाले शैलेंद्र सिंह का कहना है कि कुछ दिन पहले सर्दी जुखाम की शिकायत आने पर सैंपलिंग कराने के लिए पहुंचे तो लंबी लाइन लगी थी। इसके बाद भी लाइन में लगे रहे लेकिन बाद में बताया गया कि जांच किट नहीं है कल आना।
ब्लॉक में अब तक कुल 71 कोरोना मरीज सामने आए
डबरा ब्लॉक में दो दिन से एक भी कोराेना मरीज सामने नहीं आया है। अब तक कुल 71 मरीजों की यहां पुष्टि हुई है, जिनमें से दो की मौत हुई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो डबरा में 1600 लोगों की अभी तक सैंपलिंग हुई, यहां 54 मरीज संक्रमित मिले हैं। भितरवार में 595 लोगों के सैंपल लिए गए और 8 मरीज मिले। टेकनपुर में 1, आंतरी में 2, बिलौआ में 3 और पिछोर में 3 मरीज सामने आए हैं। इनमें से कुछ मरीज ठीक होकर घर भी चले गए हैं। अधिकांश मरीजों का इलाज ग्वालियर में हुआ।
डबरा में 45 व भितरवार में 32 लोगों की हुई सैंपलिंग
शहर में शुक्रवार को कृषि उपज मंडी कर्मचारियों की सैंपलिंग कराई गई। इस दौरान 45 कर्मचारियों के सैंपल लिए गए। वहीं भितरवार में 75 में से 32 दुकानदारों के सैंपल लिए गए।
सीएमएचओ से पूछेंगे जांच किट कम क्यों भेज रहै
जांच किट कम क्योंं भेजी जा रही है, इस बारे में सीएमएचओ से बात करेंगे।
राघवेंद्र पांडेय, एसडीएम, डबरा
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