अतिथि व्याख्याताओं को बेरोजगार होने का खतरा

प्रदेश के तकनीकी अतिथि व्याख्याताओं को जहां अभी वेतन की समस्या से जूझना पड़ रहा है वहीं दूसरी समस्या भी उनके सामने खड़ी हो गई है प्रदेश के 650 अतिथि व्याख्याताओं को बेरोजगार होने का खतरा भी हो गया है। इसमें संभाग के 67 पॉलिटेक्निक कॉलेज के अतिथि भी हैं। इनके साथ आईटीआई के 800 मेहमान प्रवक्ताओं को भी इसी प्रकार का खतरा है। क्योंकि इनके पढ़ाने का सत्र 11 माह का रहता है जो 1 जुलाई से शुरू होकर मई माह में खत्म होता है। परंतु तकनीकी विभाग द्वारा किसी प्रकार का अभी फिर से रिन्युअल का निर्देश नहीं आया है। इसी के साथ महामारी के कारण कॉलेज में पढ़ाने की कोई प्रक्रिया नहीं शुरू हुई है। साथ ही विद्यार्थियों को जनरल प्रमोशन देते हुए पास कर दिया गया है। इससे अतिथि व्याख्याता और प्रवक्ताओं की उम्मीद भी टूट चुकी है। हालांकि आईटीआई के मेहमान प्रवक्ताओं को शासन की ओर से मई माह का वेतन देने का आदेश हो चुका है। वही पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याता अभी भी लॉकडाउन के वेतन लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। अब दूसरी समस्या आ चुकी है। तकनीकी अतिथि व्याख्याता संघ के जिला अध्यक्ष अर्पित सक्सेना ने बताया कि हमारे रिन्युअल और कॉलेज में पढ़ाने की प्रक्रिया बनी रहे, इसके लिए हम जुलाई में मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने जा रहे हैं। संभाग संयोजक सुरेश पगारिया बताते हैं कि शहर के पॉलिटेक्निक कॉलेज में अर्पित सक्सेना, डॉ. रितेश शर्मा, दर्पण चौधरी, मनीष सक्सेना, राहुल तिवारी, सचिन पाटीदार अतिथि व्याख्याता पढ़ाते हैं। इसके अलावा 22 आगर में, 22 उज्जैन में, 6 देवास और 11 रतलाम में हैं।



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