लॉकडाउन में नहीं बन पाई राखियां, इस बार कम हो गई वैरायटी

कोरोना का असर इस बार रक्षाबंधन पर भी नजर आना शुरू हो गया है। इस बार राखियां पिछले साल की तुलना में 25 से 30 फीसदी तक महंगी मिल रही हैं। इससे बहनों को महंगी राखियां खरीदना पड़ेंगी।
शहर में राखियां अहमदाबाद से आती हैं। राखियों का प्रोडक्शन फरवरी में शुरू हो जाता है। लेकिन मार्च में लॉकडाउन के कारण कच्चा माल नहीं मिलने से प्रोडक्शन बंद हो गया और राखियां बनना बंद हो गईं। इसके बाद मई में देश अनलॉक हुआ तो राखियों का निर्माण शुरू हुआ। इससे राखियां बहुत कम वैरायटियो में बन पाईं। ऐसे में इसका असर भाव पर हुआ है और राखियां 25 से 30 फीसदी महंगी हो गई हैं। हर बार राखी पर माणकचौक, न्यू रोड, राम मंदिर पर 100 से ज्यादा दुकानें लगती है। इस बार दुकानें भी कम लगेंगी। क्योंकि कई राशि के छोटे व्यापारी माल लेकर नहीं आए हैं। इधर जो व्यापारी राखी का माल लाए हैं वो भी आधा ही लाए हैं।

बाजार में 5 से 250 रुपए तक मिलेंगी राखियां

  • बाजार में 5 से लेकर 250 रुपए में राखियां उपलब्ध हैं।
  • पिछले साल जो राखी 70 रुपये दर्जन थी। वो इस बार 100 रुपये दर्जन तक मिल रही है।
  • पिछले साल राखियां 100 से ज्यादा वैरायटियों और डिजाइन में उपलब्ध थीं म इस बार बाजार में 50 वैरायटी और डिजाइन ही उपलब्ध है।
  • बच्चों की राखियां चीन से आने वाले माल से तैयार होती थी। चीन से माल नहीं आने से इस बार बच्चो की राखियां भी कुछ ही वैरायटियों में है।
  • जिन व्यापारियों के पास बच्चों की राखियां हैं उनके पास पुराना स्टॉक है।

चांदी की राखियां भी 25 प्रतिशत तक हुई महंगी
चांदी के भाव बढ़ने से चांदी की राखियां भी पिछले साल से महंगी है। पिछले साल राखी पर चांदी के भाव 40 हजार रुपए प्रतिकिलो थे। इस बार 51 हजार रुपए प्रतिकिलो है। इससे चांदी की राखियां भी महंगी हैं। चांदी 2 से 10 ग्राम 250 से 1000 रुपए में मिल रही थी। वहीं इस बार 300 से 1200 रुपए में मिल रही है।

रेलें और बसें शुरू नहीं होने का असर राखी पर रहेगा

माणकचौक के राखी व्यापारी जलज सांखला ने बताया रक्षाबंधन को देखते हुए हर बार राखी के एक महीने पहले ही ग्राहकी शुरू हो जाती है और बहनें भाइयों को भेजने राखी खरीदने आना शुरू हो जाती है। इस बार कोविड 19 को देखते हुए माल हम पिछले साल से आधा ही लाए हैं। बसें शुरू नहीं होने का असर भी त्योहार पर रहेगा।

इधर चांदी की राखी भी नहीं मंगाई व्यापारियों ने
रक्षाबंधन पर सराफा बाजार में चांदियों की ग्राहकी भी खूब डिमांड रहती है। लेकिन इस बार व्यापारियों ने चांदी की राखियां भी नहीं मंगाई है। सराफा व्यापारी विशाल डांगी ने बताया हर बार राखी के 20 दिन पहले डिमांड आती है। लेकिन इस बार डिमांड ही नहीं है।



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Ashes could not be made in lockdown, Variety reduced this time


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