जैसे मंत्री डंग काे तुरंत रिपोर्ट दी वैसे ही सुविधा मिले तो लोगों को नहीं जाना पड़े इंदौर-उदयपुर

कोरोना गरीब व अमीर देखकर नहीं फैल रहा लेकिन इलाज में प्रशासन का रवैया वीआईपी है। सीएम शिवराजसिंह चौहान के पॉजिटिव होते ही प्रशासन ने मंत्री हरदीपसिंह डंग का शनिवार रात सैंपल लिया व रविवार सुबह रिपोर्ट भी आ गई। इधर, जिसे सांस लेने में परेशानी थी, ऑक्सीजन पर रखना पड़ा ऐसे संदिग्ध के सैंपल लेने में डॉक्टर व अस्पताल प्रशासन ने नियम बताते हुए 3 से 4 दिन इंतजार करने को कहा हैं। दो से तीन दिन में रिपोर्ट आ रही। ऐसी व्यवस्थाओं से परेशान होकर लोगों को इंदौर व उदयपुर जाना पड़ रहा है। वहां ये संदिग्ध दूसरे शहरों में पॉजिटिव आ रहे हैं।
कोविड गाइडलाइन व शासन के नियमों के अनुसार कोरोना के लक्षण होने या पॉजिटिव के फर्स्ट कांट्रेक्ट में आने वालो में लक्षण नहीं आने पर 5 से 10 दिन के बीच सैंपल लिए जा रहे हैं। किसी के पॉजिटिव मिलने पर फर्स्ट कांटेक्ट को क्वारेंटाइन सेंटर पर भर्ती किया जा रहा है। कोई व्यक्ति स्वयं सैंपल कराने जाए तो उससे 1980 रुपए वसूले जा रहे हैं। सीएम चौहान के पॉजिटिव आने पर डंग को फर्स्ट कांटेक्ट माना लेकिन प्रशासन ने उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में भर्ती नहीं । मंत्री को ना कोई सर्दी थी ना खांसी, कोरोना के किसी तरह लक्षण नहीं थे। इसके बाद भी प्रशासन ने 5 से 10 दिन का इंतजार किए बिना शनिवार रात उनका सैंपल लिया। रविवार सुबह रिपोर्ट निगेटिव आ गई। सुवासरा बीएमओ डॉ. अरविंद्र शर्मा का कहना है कि कलेक्टर कार्यालय से मंत्री का सैंपल लेने के लिए कॉल आया था इसलिए सैंपल लिया।

2 मामलों से समझिये किस तरह आम आदमी होता है परेशान

पहला मामला : दो से तीन दिन में सैंपल लिया जाएगा
स्वास्थ्य खराब होने पर दलौदा के 65 वर्षीय बुजुर्ग को पिछले सोमवार परिजन जिला अस्पताल ले गए । बेटे ने बताया कि पिता को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया लेकिन दो से तीन घंटे तक इलाज नहीं मिला। आपत्ति लेने के बाद उन्हें ऑक्सीजन लगाई। शाम तक पिता का कोई इलाज शुरू नहीं हुआ। कोरोना सैंपल का बोला तो स्टाफ ने बताया कि कोविड आज नहीं होगा, उसकी प्रोसेस है दो से तीन दिन में सैंपल लिया जाएगा। उपचार सही नहीं मिलने पर बेटा अपने पिता को अगले ही दिन इंदौर अरविंदो में ले गए। यहां सैंपल लिया व पॉजिटिव आए। रौनक ने कहा कि प्रशासन को निजी अस्पताल को भी कोविड बनाना चाहिए, जिससे जो लोग निजी में उपचार कराना चाहें व निजी में अच्छे से उपचार कराकर उन्हें बचा सके।
दूसरा मामला : डॉक्टर बोले : हमें लगेगा तो जांच करेंगे
शुक्रवार सुबह ढोढर के 55 वर्षीय बुजुर्ग को लेकर परिजन जिला अस्पताल पहुंचे। उनका ऑक्सीजन लेवल 87 आया। बुजुर्ग के भतीजे ने बताया कि पहले बड़े पापा का एक्स-रे करा लिया था। जिसे लेकर जिला अस्पताल गए तो डॉक्टरों ने भर्ती करने के दो से तीन दिन बाद सैंपल लेने की बात कही। कहा हमें लगेगा तो जांच करेंगे। बड़े पापा का स्वास्थ्य खराब होने पर हम उदयपुर ले आए।
आरएनटी अस्पताल पहुंचे। यहां एमडी ने एक्सरे देखते ही निमोनिया बता दिया व एम्बुलेंस बुलवाकर कोविड अस्पताल भेजा। यहां शुक्रवार रात 8 बजे सैंपल लिया व उपचार शुरू किया। रविवार को बड़े पापा पॉजिटिव आए। बड़े पापा के पॉजिटिव आने के बाद हमारे भी सैंपल लिए गए।

सीएमएचओ से बात करेंगे व्यवस्थाओं को सुधरवाया जाएगा
^मंत्री हरदीपसिंह को काेई लक्षण नहीं थे। पांच से सात दिन बाद उनका वापस सैंपल लिया जाएगा। जिला अस्पताल में मरीजों के सैंपल नहीं लिए गए उसकी जानकारी नहीं है। ऐसा कोई मामला है तो उसे हम दिखवाएंगे, सीएमएचओ से बात करेंगे व्यवस्थाओं को सुधरवाया जाएगा।
मनोज पुष्प, कलेक्टर

प्रशासन की लापरवाही
बीमार व गंभीर
मरीजों के भी सैंपल नहीं लिए जाना प्रशासन की चूक है।
परिजन के आरोप
प्रशासन कोरोना के आंकड़े कम करने के लिए सैंपल लेने में आनाकानी कर रहा।
होना यह चाहिए
कोरोना संदिग्ध के सैंपल तत्काल लिए जाना चाहिए
आया बदलाव
चार माह से लोग बीमार होने पर भी अस्पताल जाने में हिचकते रहे, जब आगे आकर वे इलाज करा रहे हैं तो प्रशासन को अपनी जिम्मेदारी समझना होगी।
प्रशासन भूल गया
सरकार ने कोविड सेंटर की स्थापना ही इसलिए की है ताकि जो लोग बीमार है वे वहां आकर अपना इलाज करवा सके।



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