समानता के लिए स्त्री को शिक्षित होना जरूरी- डॉ. सोनल

साइसं कॉलेज की वुमन एंड जेंडर डेवलपमेंट सेल और आईक्यूएसी की ओर से गुरुवार शाम जेंडर इक्विटी और इक्विलिटी विषय पर वेबिनार रखा गया। इसमें नृत्यांगना, कोरियोग्राफर एवं राज्यसभा सदस्य पद्मविभूषण डॉ. सोनल मानसिंह ने ऑनलाइन सहभागिता की।
वेबिनार के अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव थे। सारस्वत अतिथि में विक्रम विवि के कुलपति डॉ. बालकृष्ण शर्मा ने मंगलाचरण कर अपने विचार रखे। प्रभारी प्राचार्य डॉ. अर्पण भारद्वाज ने भी संबोधित किया। वेबिनार के प्रश्नोत्तर सत्र में कॉलेज की आईक्यूएसी कॉर्डिनेटर डॉ. कल्पना सिंह ने चुनिंदा प्रश्न किए, जिनके डॉ. सोनल ने जवाब दिए। संचालन हार्दिक दवे ने किया।

प्रकृति ने स्त्री का चयन जन्म देने के अनोखे कार्य के लिए किया और इसी विषय पर बहस शुरू हो गई
वेबिनार में डॉ. सोनल मानसिंह ने कहा प्रकृति ने स्त्री को जन्म देने के अनोखे कार्य के लिए चयनित किया और यहीं से इस विषय पर बहस शुरू हो गई कि स्त्री और पुरुष में बड़ा कौन? आज मात्र 10 प्रतिशत महिलाएं ही कृषि कार्य में संलग्न बताई जा रही है। जबकि इस आंकड़े के अतिरिक्त बात करें तो सभी जानते हैं कि अनाज बोने, काटने, पैक करने, संग्रहण आदि में उसकी कितनी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। किंतु सबसे बड़ा सच यही है कि उसे श्रेय नहीं दिया जाता। समानता पाने के लिए स्त्री को सर्वप्रथम शिक्षित होना होगा। कई अनपढ़ स्त्रियों को आज भी यह पता नहीं होता कि उनके लिए कौन सी योजनाएं चल रही हैं या वे उन योजनाओं से किस प्रकार लाभांवित हो सकती हैं।



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