कागजों में लामा यानि मरीज हॉस्पिटल से गायब... पर्चे पर नहीं पर हकीकत में रैफर

450 बेड का चरक हॉस्पिटल। यहां गर्भवती महिलाओं को रैफर करने का खेल चल रहा है। हॉस्पिटल में मरीज की जानबूझकर अनदेखी की जाती है ताकि वह यहां से जाने को मजबूर हो जाए। मरीजों को कागजों पर लामा यानि बगैर सूचना दिए मरीज का हॉस्पिटल से चला जाना दर्शा दिया जाता है लेकिन हकीकत में मरीज को मौखिक तौर पर रैफर ही किया जाता है। हॉस्पिटल सूत्र बताते हैं कि रैफर मरीज को 108 एंबुलेंस से इंदौर एमवाई ले जाना होता है लेकिन जैसे ही मरीज बाहर गेट तक पहुंचता है, प्राइवेट हॉस्पिटल की गाड़ी आती है और महिला मरीज को लेकर चली जाती है। इसमें चरक हॉस्पिटल के गार्ड और अन्य कर्मचारी मिले हुए हैं, जिन्हें प्रति मरीज के हिसाब से प्राइवेट हॉस्पिटल से कमीशन मिलता है। क्षीरसागर रोड स्थित गेट पर ताला लगा है। ऐसे में कचरा गाड़ी अंदर नहीं आ पाती है और पेटी कचरे से भर जाती है। आठ-आठ दिन पेटी कचरे से भरी पड़ी रहती है, कोरोना संक्रमण काल के बीच हॉस्पिटल परिसर में फैल रहे कचरे से संक्रमण का खतरा बना हुआ है। सिविल सर्जन डॉ. आरपी परमार ने कहा अस्पताल की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। व्यवस्थाओं में सुधार के लिए प्रयास जारी है।
हाल -ए- हॉस्पिटल

  • बेसमेंट में ड्रेनेज का पानी भरा रहता है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है।
  • राउंड द क्लॉक सफाई व्यवस्था होने के बाद भी हॉस्पिटल के अंदर सफाई होती है लेकिन परिसर में सफाई नहीं हो रही है।
  • हॉस्पिटल के गेट से लेकर आसपास अवैध ठेले-गुमटी लगे हुए हैं। नगर निगम की गैंग इन्हें हटाती है लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद फिर लगने लग जाते हैं।
  • साइकिल स्टैंड होने के बाद भी मुख्य मार्ग आगर रोड पर वाहन पार्क हो रहे हैं, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है।
  • परिसर को बाहरी लोगों ने रेन बसेरा बना रखा है।


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