दाेहरी नीतियाें से मंडियां उजड़ जाएंगी, राजस्व में गिरावट आने की आशंका

मंडी अधिनियम एक्ट 5 जून को प्रदेश की कृषि मंडियों में बगैर दिशा-निर्देश व अधिनियम के बदलाव के लागू कर दिया है। एक्ट में विसंगतियां होने से मंडी कारोबार प्रभावित होने लगा है। एक्ट के अनुसार मंडी परिसर के बाहर कृषि उपज के कारोबार को मंडी अधिनियम के दायरे के बाहर कर दिया है। मंडी शुल्क भी हटा दिया है। मंडी नीलामी द्वारा किसानों की उपज को खरीदी बिक्री पर अधिनियम के साथ मंडी शुल्क भी लागू है। इस दोहरी नीति से मंडियां उजड़ जाएंगी। उनके राजस्व में गिरावट की आशंका है। विधायक पारसचंद्र जैन ने मंगलवार को मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में मंडी को शुल्क मुक्त करने को कहा है।
पत्र में ये बातें शामिल की
मंडी प्रांगण में कृषि उपज कारोबार को भी मंडी शुल्क और अनुज्ञापत्र से मुक्त करें। }मंडियों के संचालन और इंफ्रास्ट्रक्चर के रख रखाव के लिए 0.50% सेवा शुल्क लागू किया जा सकता है। }किसानों की उपज का भुगतान ऑनलाइन करने का प्रावधान है यही व्यवस्था मंडियों में लागू करें।



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