पंजीकृत डीलर अब 30 सितंबर चूके तो जीएसटी में लगेगी लेट फीस एवं ब्याज
जीएसटी में पंजीकृत ऐसे डीलर जिन्होंने 1 जुलाई 2017 से लेकर जुलाई 2020 तक के रिटर्न या इस अवधि में से किसी अवधि के रिटर्न फाइल नहीं किए हैं तो 30 सितंबर तक रियायती लेट फीस 500 रुपए प्रतिमाह के साथ अपलोड किए जा सकते हैं। यदि किसी माह में क्रय या विक्रय निरंक है तो बिना लेट फीस चुकाए पुराने बकाया रिटर्न भरे जा सकेंगे।
कर सलाहकार परिषद, रतलाम के पूर्व अध्यक्ष राकेश भटेवरा ने बताया कि जीएसटी कौंसिल ने रिटर्न डिफॉल्टर को राहत प्रदान की है। कोरोना काल के कारण लॉकडाउन होने से भी इस अवधि के रिटर्न फाइल करने के लिए सितंबर तक का समय दिया है। कर सलाहकार परिषद, के सचिव सी ए अंचल मूणत ने बताया ऐसे डीलर जिनका टर्नओवर 5 करोड़ या कम है जून माह का 3 बी रिटर्न 23 सितंबर तक एवं जुलाई माह का रिटर्न 27 सितंबर तक अपलोड कर सकेंगे।
18 प्रतिशत ब्याज लगेगा
कर सलाहकार परिषद के अध्यक्ष मनोज जैन कांठेड़ ने बताया कि जिन डीलर का टर्नओवर 5 करोड़ रुपए या अधिक है उनके जुलाई माह तक के 3 बी रिटर्न फाइल करने की अंतिम दिनांक 20 सितंबर निकल चुकी है। अब ऐसे डीलर 30 सिंतबर तक 500 रुपया प्रतिमाह लेट फीस पर रिटर्न फाइल कर सकते हैं। 30 सिंतबर के बाद जीएसटी रिटर्न फाइल करने पर 18 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना होगा। जीएसटी कौंसिल द्वारा दी गई लेट फीस एवं ब्याज की राहत 30 को समाप्त हो जाएगी।अतः जीएसटी में पंजीकृत डीलर पुराने सभी पेंडिंग रिटर्न इससे पूर्व फाइल कर लें।
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