‘अमृत’ पेयजल याेजना का अधूरा काम, खोदी गई सड़कें भी नहीं सुधरी

शहर में अमृत पेयजल योजना के तहत खोदी गई सड़कों की मरम्मत नहीं हो पाई है। सड़कों का सुधार नहीं होने से लोगों को परेशानियां हो रही है। बारिश में मुख्य रूप से कालिका नगर के सामने बाबई राेड, कलेक्टाेरेट राेड, पानी टंकी के पास सदर बाजार राेड, हाउसिंग बाेर्ड काॅलाेनी में ओल्ड ईडब्ल्यूएस की ओर जाने वाली सड़कें खराब हैं। हालांकि उक्त सड़काें काे कई बार पहले भी सुधारा गया है, लेकिन उसके बाद भी यह सड़कें खराब हाे रही हैं। इन सड़कों को नहीं सुधारा जा रहा है। अमृत का काम समय पर पूरा करने के लिए नपा ने कंपनी को बार-बार मोहलत दी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अभी भी कुछ वार्डों में सड़कें नहीं बनी हैं।

शहर की कॉलाेनियों के लोग कर रहे शिकायतें

अमृत पेयजल याेजना के लिए खाेदी गई सड़काें में सदर बाजार वार्ड नंबर 7 में सड़क की मरम्मत न हाेने की शिकायत की गई है। वार्डवासी राजेश रैकवार ने बताया कि यहां सड़काें की मरम्मत नहीं हुई है। वार्ड 14 के सुनील परसाई ने बताया सड़कों के बीच से हुई खुदाई की मरम्मत गुणवत्तापूर्ण नहीं हुई। नारायण नगर सहित अन्य माेहल्लाें में भी लोग शिकायतें कर रहे हैं। नपा एई आरसी शुक्ला ने बताया खराब सड़कों की मरम्मत नपा कराएगी। मरम्मत के बाद भी सड़कें फिर खराब हो गई हैं।

तवा बांध के तीन गेट से 11 हजार क्यू. पानी 8 घंटे छाेड़ा
तवा के केचमेंट एरिया में हुई बारिश और बैतूल के सतपुड़ा बांध से आए पानी के कारण तवा बांध के 3 गेट 8 घंटे तक खुले रहे। बांध से करीब 11 हजार क्यूसेक पानी दिया गया। बांध के गेट सुबह 6 बजे बंद हुए हैं। एक रात पहले बांध के गेट रात 10 बजे खाेले गए थे। बांध से आए पानाी से नर्मदा के जलस्तर पर काेई असर नहीं हुआ है। तवा बांध के अलावा बरगी बांध और बारना बांध के गेट भी बंद हैं। इस समय तीनाें बांध के गेट बंद है। नर्मदा का जलस्तर अभी 938 फीट है। नर्मदा का सामान्य जलस्तर 934 फीट है। इससे करीब 4 फीट पानी नर्मदा में अभी ज्यादा है।

अमृत पेयजल योजना का काम अब तक अधूरा
शहर में सभी घरों में नर्मदा जल पहुंचाने के लिए अमृत याेजना के तहत मई 2016 में शुरू कराया गया। छह साल बीतने के बाद भी काम अधूरा है। अब याेजना काे लेकर नपा और निर्माण कंपनी आमने-सामने हैं। अमृत के काम में दो पार्षदों का विरोध रहा।

कंपनी के इंजीनियर बोले 3 साल से सुधार रहे सड़क
कंपनी के इंजीनियर भूपेश ढाेडके ने बताया खुदाई के बाद पाइपलाइन बिछाने के बाद पिछले तीन साल से सड़काें की मरम्मत करा रहे हैं। निर्माण कंपनी काे केवल एक बार ही मरम्मत करानी है। इसके बाद सड़काें की मरम्मत की जवाबदारी संबंधित विभाग की है।



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Unfinished work of 'Amrit' drinking water scheme, roads not dug even improved


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