घटिया चावल बांटने वाले मिल मालिकों पर एफआईआर की बजाय बचाने में जुटी सरकार


जिले में 43 हजार क्विंटल खराब चावल गरीबों को बांटे जाने के मामले में प्रदेश सरकार ने कार्रवाई पर कोई गौर नहीं किया है। ऊपर से 7610 क्विंटल में से बी-ग्रेड के 6 हजार 90 क्विंटल चावल की ग्रेडिंग के लिए मिलर्स को शिवपुरी आकर गोदाम पर ही ग्रेडिंग कराने की छूट दे दी है। जबकि बाकी सी कैटेगरी के 1590 क्विंटल चावल वापसी की तैयारी है। जानवरों वाला चावल इंसानों को खिलाने वाले मिलर्स पर कायदे से एफआईआर होना चाहिए। लेकिन सरकार ग्रेडिंग का रास्ता खोलकर जिम्मेदारों को बचाने की कोशिश कर रही है।
कटनी और रीवा जिले से मिल मालिकों ने दो रैक में 51 हजार क्विंटल चावल जुलाई 2020 में शिवपुरी जिले में वितरण के लिए भेजा था। प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत के बाद बड़ा खाद्यान्न घोटाले का खुलासा हुआ, जिसमें दोनों रैक में शिवपुरी भेजे गए चावल की 29-30 अगस्त को भारतीय खाद्य निगम के गुणवत्ता निरीक्षकों ने शिवपुरी के गोदामों में जाकर सैंपल लिए। सैंपल रिपोर्ट विश्लेषण में चावल निर्धारित मापदंड अनुसार नहीं निकला। जिससे एमपी स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन शिवपुरी ने संबंधित केंद्र प्रभारियों को आदेश जारी कर गोदामों में रखे 7610 क्विंटल चावल के वितरण पर रोक लगा दी। रोक लगने के बाद शासन स्तर से मिलर्स पर कार्रवाई की बजाय सीधे गोदामों पर चावल ग्रेडिंग का मौका देकर सीधे तौर पर बचाने की कोशिश की गई है। गरीबों के संग सरकार छलावा कर रही है।

कटनी और रीवा जिले से मिल मालिकों ने दो रैक में 51 हजार क्विंटल चावल जुलाई 2020 में शिवपुरी जिले में वितरण के लिए भेजा था। प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत के बाद बड़ा खाद्यान्न घोटाले का खुलासा हुआ, जिसमें दोनों रैक में शिवपुरी भेजे गए चावल की 29-30 अगस्त को भारतीय खाद्य निगम के गुणवत्ता निरीक्षकों ने शिवपुरी के गोदामों में जाकर सैंपल लिए। सैंपल रिपोर्ट विश्लेषण में चावल निर्धारित मापदंड अनुसार नहीं निकला। जिससे एमपी स्टेट सिविल सप्लाईज कॉर्पोरेशन शिवपुरी ने संबंधित केंद्र प्रभारियों को आदेश जारी कर गोदामों में रखे 7610 क्विंटल चावल के वितरण पर रोक लगा दी। रोक लगने के बाद शासन स्तर से मिलर्स पर कार्रवाई की बजाय सीधे गोदामों पर चावल ग्रेडिंग का मौका देकर सीधे तौर पर बचाने की कोशिश की गई है। गरीबों के संग सरकार छलावा कर रही है।

जानिए चावल वापसी नहीं होने से मिलर्स का भाड़ा बचेगा, यहीं गोलमाल हो जाएगा
बी-कैटेगरी के चावल की ग्रेडिंग का मौका देकर मिलर्स को बचाया जा रहा है। चावल वापसी नहीं होने से मिलर्स को भाड़ा पैसा बचेगा। ग्रेडिंग के बाद साफ माल सौंपने की तैयारी है। हालांकि बताया यह जा रहा है कि ग्रेडिंग के नाम पर गोलमाल भी हो सकता है।
कितनी उचित मूल्य दुकानों से बंटा खराब चावल, मांगी रिपोर्ट
जुलाई में उतरी रैक के बाद जिले में गोदामों से कितनी उचित मूल्य दुकानों से कितने उपभोक्ताओं को खराब चावल बांटा गया है, इसकी फिलहाल शासन-प्रशासन पर पुख्ता जानकारी नहीं है। हालांकि खाद्य विभाग इसकी रिपोर्ट मंगा रहा है। खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

पीआईजी रातौर और बालाजी वेयर हाउस रखा है अमानक चावल
पीईजी गोदाम रातौर में स्टेक बी-1/8 में 920 क्विंटल, स्टेक सी-4/9 में 1450 क्विंटल, बी-1/5 में 1390 क्विंटल, बी-1/9 में 290 क्विंटल और बालाजी वेयर हाउस करैरा में 8बी/7 में 950 क्विंटल व एमपीडब्ल्यूसी-02 नरवर 02/04 में 1020 क्विंटल चावल के वितरण पर रोक लगी है। पीईजी गोदाम रातौर की स्टेक बी-1/4 में 1590 क्विंटल चावल वितरण के योग्य नहीं है।

मिलर्स खराब चावल की ग्रेडिंग कराएंगे
वरिष्ठ कार्यालय से निर्देश मिले हैं कि मिलर्स गोदाम पर आकर खराब चावल की ग्रेडिंग कराएंगे। गोदामों में किस स्टैक का चावल किस मिलर्स का है, बैगों की टैगिंग के आधार पर पता चलेगा।
एसएन माहोश्वरी, प्रबंधक, मप्र स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन जिला शिवपुरी
कितना चावल बांटा है, इसकी रिपोर्ट मांगी है


रैक का माल गोदामों से कितनी उचित मूल्य दुकानों पर पहुंचा है, इसकी रिपोर्ट नागरिक आपूर्ति निगम और एफसीआई से मंगवाई है। रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
मनोज गरवाल, प्रभारी जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी, जिला शिवपुरी




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गोदाम में रखा अमानक चावल।


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