तीन बार बढ़ाई तारीख, फिर भी धीमी गति से हो रहा काम, मार्च 2021 तक पूरा होने की संभावना नहीं

एमपी अर्बन डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड नगर में 23 करोड़ 25 लाख रुपए से नर्मदा नल जल योजना का कार्य रियान वाटर टेक प्रालि कलकत्ता से करा रही है, जो वर्ष 2017 के अप्रैल में शुरू किया था। योजना का कार्य अगस्त 2019 में पूर्ण होना था लेकिन विभागीय अधिकारियों के ध्यान नहीं देने व ठेकेदार की लापरवाही के कारण दिसंबर 19 तक भी काम पूर्ण नहीं हुआ। इसके बाद विभाग ने ठेकेदार की समयावधि बढ़ाकर मार्च 2020 तक कर दी। तब तक भी कार्य पूर्ण नहीं हुआ। विभागीय अधिकारियों ने कोरोना काल को देखते हुए काम की अवधि नवंबर 2020 तक बढ़ाई। विभाग ने कार्य की धीमी गति को देखते हुए नवंबर से मार्च 2021 कर दी है। तीन बार तारीख बढ़ाने के बाद भी काम में तेजी दिखाई नहीं दे रही है। मार्च 2021 में भी काम पूरा नहीं होने की संभावना है।
रियान वाटर टेक के ठेकेदार ने नगर के वार्डों की गलियों की सड़कों के बीच से पाइप लाइन डाली गई है। सीसी राेड खोदकर डाली गई पाइप लाइन के बाद सड़क की रिपेयरिंग करना थी जो अब तक नहीं की। इसके कारण रहवासियों व राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। आए दिन गलियों व मुख्य सड़क पर दुर्घटनाएं हो रही है। ठेकेदार की लापरवाही व अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण नगर की मुख्य डिट्रिब्यूशन लाइन का काम 40 प्रतिशत तक अधूरा है। बंडेरा में बनाए जा रहे जल शुद्धिकरण सयंत्र का कार्य अभी भी 50 प्रतिशत तक बाकी है। बहेगांव इंटेकवेल से बंडेरा तक पाइप लाइन में कतरगांव में कार्य अधूरा है। पाइप लाइन से हाउस कनेक्शन में 35 प्रतिशत काम हुआ है। अभी भी 65 प्रतिशत तक कार्य अपूर्ण है। आखीपुरा से पाडल्या तक मुख्य मार्ग पर डाली जाने वाली व वार्डों को जोड़ने वाली पाइप लाइन अभी भी बाकी है। जब तक पाइप लाइन नहीं डाली जाएगी। जब तक वार्डो के रहवासियों पानी नही मिल पाएगा। कई स्थानों पर अधूरे कनेक्शन ही हुए है। वार्डों के मोहल्लों में डाली गई पाइप लाइन की टेस्टिंग भी बाकी है।
एप्रोज ब्रिज का कार्य दो साल बाद भी नहीं हुआ शुरू
योजना से नगर के 15 वार्डों में प्रतिदिन 1.272 मेगा लीटर पानी तीन पेयजल टंकियों से वितरण किया जाएगा। साथ ही पानी उपयोगिता के हिसाब से घरों में जल मीटर भी लगाया जाएगा। ये महेश्वर तहसील की पहली योजना है। इसमें जल मीटर लगाए जाएंगे। योजना में नगर से करीब 13 किमी दूर बहेगांव नर्मदा नदी के पास 26 मीटर ऊंचाई का इंटेकवेल का निर्माण कार्य हो चुका है। बहेगांव डूब प्रभावित गांव है। इस वजह से इंटेकवेल तक पहुंचने के लिए एक किमी लंबा व 3 मीटर चौड़े एप्रोज पुल का निर्माण होना था। अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह काम भी गत दो साल से बंद है, जो अब तक शुरू नहीं हुआ है।
तीन झोन में होगा पानी का सप्लाय
योजना के फील्ड इंजीनियर सत्येंद्र सोहनी ने बताया योजना को तीन झोनों में बांटा गया है। पहला झोन पाडल्या पेयजल टंकी, दूसरा बिजली कार्यालय के पास बनाई जा रही तीन लाख लीटर पानी टंकी, बाजार चौक तक, तीसरा नेहरू मार्केट में तीन लाख लीटर पेयजल टंकी से बाजार चौक से आखीपुरा तक पेयजल वितरण को बांटा गया है ताकि पानी वितरण में कोई परेशानी ना हो।
15 वार्डों में 30 किमी होगी पाइप लाइन
योजना के फील्ड इंजीनियर सत्येंद्र सोहनी ने बताया बहेगांव से करही तक 14.5 किमी व नगर परिषद क्षेत्र के आखीपुरा, करही व पाडल्या के 15 वार्डो में 30 किमी की पाइप लाइन बिछाई जाएगी। जिसमें एचडीपीई के 110 से 250 एमएम के पाइपों का उपयोग किया जा रहा है। बहेगांव से अंतिम पेयजल टंकी तक डीआई 150 एमएम डाया पाइप लाइन डाली जाएगी। कंपनी द्वारा बिजली कार्यालय के समीप एक पेयजल टंकी का निर्माण भी किया है। करही नेहरू मार्केट व पाडल्या में पेयजल टंकी होने से तीनों टंकियों से 15 ही वार्डों में प्रतिदिन लाखों लीटर पानी का वितरण 24 घंटे किया जाएगा। घरों में जल मीटर भी लगाए जाएंगे ताकि पानी की बर्बादी ना हो।
ठेकेदार कर रहा है देरी
^इसकी तारीख बढ़ा दी गई है। ठेकेदार काम करने में देरी कर रहा है। काम क्यों पूरा नहीं हो रहा है। इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दे सकता हूं।
बीके जायसवाल, प्रोजेक्टर मैनेजर पीआईयू खरगोन
शुद्धिकरण संयंत्र का हुआ 50 प्रतिशत काम
करही कतरगांव मुख्य मार्ग पर बंडेरा गांव के पास जल शुद्धिकरण संयंत्र का भी निर्माण किया जा रहा है ताकि नगरवासियों को 24 घंटे शुद्ध नर्मदा का जल मिल सके लेकिन कई महीनों से यह कार्य भी धीमी गति से चल रहा। अभी तक सिर्फ 50 प्रतिशत काम ही हुआ है। इससे ऐसा लगता है। नवंबर तक भी कार्य पूर्ण नहीं हो पाएगा। नगरवासियों को शुद्ध जल नहीं मिल पाएगा। जल शुद्धिकरण संयंत्र की प्रतिदिन पानी की क्षमता 17 लाख 20 हजार लीटर है लेकिन नगर परिषद क्षेत्र में वर्तमान में कुल पानी की खपत 6 लाख लीटर की है। आगामी 20 साल के लिए योजना बनाई गई है ताकि भविष्य में नगर में पानी की समस्या से नगरवासियों को जुझना न पड़े।
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