ये अफसरों के दफ्तर की नाम पट्टिका नहीं महिला शौचालय हैं

| ये फोटो में नाम पट्टिकाएं किसी दफ्तर के बाहर विभागीय अफसरों के नाम की नहीं है। आश्चर्य होगा यह महिला शौचालय के बाहर लगाई हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से पिछले 3 माह में ऐसे 200 सामुदायिक स्वच्छता परिसर तैयार कराए हैं। ये अंदर प्रवेश करने पर किसी दफ्तर में पहुंचने का अहसास कराते हैं। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण क्षेत्र में बड़े शहरों की तरह सामुदायिक शौचालय बनाए हैं। नर्मदा किनारे की आबादी के लिहाज से ज्यादा आबादी की ग्राम पंचायतों में परिसर बनाए हैं। इसके निर्माण में प्रदेश में जिले की रैंकिंग नंबर-1 पर है। स्वच्छता प्रभारी के मुताबिक 164 बनकर तैयार हैं। जबकि 36 का काम 5 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा। गुरुवार जिपं सीईओ गौरव बेनल, अतिरिक्त सीईओ पुरुषोत्तम पाटीदार व स्वच्छ भारत मिशन जिला प्रभारी एचएल पाटील ने टांडा बरूड़, सिनखेड़ा, सुरपाला एवं बैजापुरा के सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निरीक्षण किया।

जनपदवार स्वच्छता परिसर

  • बडवाह 47
  • भगवानपुरा 17
  • भीकनगांव 29
  • गोगावां 16
  • कसरावद 24
  • खरगोन 20
  • महेश्वर 20
  • सेगांव 13
  • झिरन्या 14

(जिपं के स्वच्छता मिशन के मुताबिक)

ऐसा है परिसर... परिसर का भवन महिला व पुरुष दो अलग-अलग हिस्सों में तैयार किया गया है। इसमें यूरिनल के अलावा, हैंडवॉश व अन्य प्रसाधन संबंधी सुविधा उपलब्ध है। जिले में ऐसे गांवों का चयन किया गया है जहां स्वच्छता की ज्यादा जरूरत है। स्वच्छता प्रभारी के मुताबिक पर्याप्त पानी की व्यवस्था वाले गांवों में ही सामुदायिक स्वच्छता परिसर बनाए हैं।



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These are not the toilets of the office of the officers but the female toilets


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