एक दर्जन से अधिक विभाग प्रभारियाें के भराेसे, प्रभावित हाे रहे काम और याेजनाएं

ब्लॉक मुख्यालय पर 12 से अधिक विभागों में मूल पद पर अफसरों की पदस्थापना नहीं है। विभाग पूरी तरह से प्रभारी अफसर के भरोसे हैं। तहसील ऑफिस में तहसीलदार का पद 3 हफ्ते बाद भी प्रभारी अफसर के भरोसे है। राजस्व मामले के प्रकरणों में पेशी बढ़ने से लोग परेशान हैं। शहर में कानून, व्यवस्था खासकर कोविड 19 के नियमों का पालन कराने में प्रशासन को दिक्कत भी आ रही है। नप में 5 साल से प्रभारी सीएमओ पदस्थ हैं। राजस्व उप निरीक्षक एआर सांवरे सीएमओ काम संभाले हुए हैं। नगरीय प्रशासन और विकास विभाग ने सीएमओ की पदस्थापना नहीं की है। जनपद पंचायत के सीईओ शिव सोलंकी एक बार फिर से बुधवार को 1 माह के मेडिकल अवकाश पर चले गए। इससे पहले सितंबर माह में भी वे मेडिकल अवकाश पर रहे।

अब फिर से उनके अवकाश पर जाने से टिमरनी जपं सीईओ अशोक उइके को अतिरिक्त प्रभार दिया है। प्रभारी के भरोसे काम होने से ग्रामीण अंचल में निर्माण कार्य, प्रधानमंत्री आवास योजना सहित विकास कार्यों की प्रगति, विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में दिक्कत होगी। खाद्य विभाग में सहायक आपूर्ति अधिकारी का पद खाली है। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी अमृता दुबे ही सहायक का पद संभाल रही हैं। एक ही अफसर के पदस्थ होने से खाद्य विभाग के काम ही नहीं हाे पाते हैं। राशन दुकानों की जांच लंबे समय से अधूरी पड़ी है। सहायक आपूर्ति अधिकारी रतन कुमरे के करीब 3 साल पहले तबादला होने के बाद से यह स्थिति बनी हुई है।

शिक्षा विभाग के दाेनाें प्रमुख पद भी खाली

शिक्षा विभाग में भी खंड स्तर के दोनों ही महत्वपूर्ण पद प्रभारी के भरोसे हैं। 1 साल से बीईओ और बीआरसी के पद पर प्रभारी अफसर पदस्थ हैं। बीईओ का प्रभार पोखरनी हाईस्कूल के प्राचार्य अजबसिंह राजपूत के पास है। इसी प्रकार बीआरसी का काम मगरधा मिडिल स्कूल के प्रधानपाठक जीआर चौरसिया संभाल रहे हैं। बिजली कंपनी के एई का पद करीब ढाई साल से खाली है। जेई सौरभ शर्मा ही एई का काम भी संभाल रहे हैं। फीडरों और गांवों सहित खिरकिया शहरी क्षेत्र की समस्याएं सुलझाने की जिम्मेदारी उन्हीं पर है। पीएचई में एसडीओ का पद खाली है। एसडीओ का प्रभार आरके शर्मा के पास है। पीएचई विभाग का पूरा कामकाज महिला सब इंजीनियर ज्योति महोबिया के पास है। वे संबंधित शिकायत को नजरअंदाज करते हुए मोबाइल ही रिसीव नहीं करती हैं।

इधर... सालाें से बनी हुई है स्थिति, तबादले होने से हुई परेशानी

विभागीय व जनता के काम प्रभावित नहीं देने के निर्देश दिए

विभागों से मूल पद पर पदस्थापना नहीं होने से प्रभार अन्य अफसर को दिया जाता है। जहां लंबे समय से प्रभारी हैं, वहां पदस्थापना के लिए शासन से पत्राचार करेंगे। प्रभारी अफसराें काे विभागीय व जनता के काम प्रभावित नहीं देने के निर्देश दिए हैं।
रजनीश श्रीवास्तव, कमिश्नर होशंगाबाद

सात साल से खाली है बीएमओ का पद, प्रभावित हो रहे शासकीय कार्य

स्वास्थ्य विभाग में बीएमओ का पद करीब 7 साल से खाली है। फिलहाल मेडिकल ऑफिसर डॉ. आरके ओनकर के पास बीएमओ का प्रभार है। स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होती हैं। व शासन की योजनाएं भी समय पर मरीजों और हितग्राहियों तक नहीं पहुंचती हैं। वन विभाग के स्थानीय निस्तार डिपो भी प्रभारी अफसर के भरोसे है। वर्तमान में डिप्टी रेंजर राजेंद्र दुबे के पास निस्तार डिपो का प्रभार है। जलसंसाधन विभाग में लगभग 5 सालों से सब इंजीनियर बीएस चौहान के पास एसडीओ का प्रभार है। नहरों की लाइनिंग सहित अन्य काम धीमी गति से होते हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग में परियोजना अधिकारी का पद लंबे समय से खाली है। ढाई साल से अधिक के बाद भी इसी विभाग की महिला सशक्तिकरण अधिकारी वंदनबाला सिंह के पास परियोजना का प्रभार है। कृषि विभाग में वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी का पद खाली है। ग्रामीण कृषि विकास अधिकारी संजय जैन प्रभारी बने हुए हैं। करीब ढाई साल पहले वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी जीएस मंडलेकर के निलंबित होने के बाद से यह पद खाली है।



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खिरकिया। जनपद पंचायत कार्यालय, जहां सीईओ का पद खाली है।


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