2022 तक नर्मदा में मिलना बंद नहीं होंगे शहर के नाले
अंडरग्राउंड सीवरेज याेजना के ढीले कामाें के कारण 2022 तक शहर के नाले नर्मदा में मिलते रहेंगे। याेजना का काम तय डेडलाइन अक्टूबर 2020 तक पूरा नहीं हाे पाया। एक साल ताे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनने में ही लगेंगे। यानी डेढ़ साल काम पिछड़ गया। 2022 में ही काम पूरा हाेने की उम्मीद है। अभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए जगह ही तय नहीं हाे पाई है। इसके अलावा सीवरेज के लिए अंडरग्राउंड पाइपलाइन भी 196 किमी में से केवल 15 किमी ही बिछ पाई है।
काम पूरा करने दाे माह का समय- जाे संभव नहीं
निर्माता कंपनी इजराइल की तहल कंपनी काे मप्र अर्बन डेवलपमेंट कार्पाेरेशन (एमपीयूडीसी) के अधिकारियाें की ओर से दाे माह के भीतर काम में गति लाकर डिले काम काे रिकवर करने का निर्देश दिया है। निर्माता कंपनी ने समयसीमा जाने की मांग की थी, जवाब में एमपीयूडीसी ने निर्माण कंपनी निर्माण की समय सीमा बढ़ाए जाने से इंकार करते हुए अगले दाे माह में डिले काम पूरा कराने के निर्देश दिए हैं।
171 करोड़ रुपए है योजना की लागत
- याेजना शुरू सितंबर 2018
- डेडलाइन : अक्टूबर 2020
- माॅनीटरिंग : जर्मनी की जीआईईटीसी
- व्यवस्था : अर्बन लाेकल बाॅडी (नपा) निर्माण : इजराइल की तहल कंपनी
- लागत : 171 करोड़, 196 किमी पाइपलाइन बिछेगी।
- ये नाले जाे मिलते हैं नर्मदा में : मालाखेड़ी नाला,काेरीघाट नाला, मंगलवारा घाट नाला, राजघाट नाला।
यह काम बाकी
- अब तक केवल मालाखेड़ी और भीलपुरा पंपिंग स्टेशन पर ही काम हुआ है। दाे पंपिंग स्टेशन और बनने हैं।
- शहर में 196 किमी अंडरग्राउंड पाइपलाइन पाइपलाइन बिछनी है, केवल 15 किमी पाइपलाइन ही बिछ पाई है।
- एसटीपी के रास्ते के लिए अब तक भूमि नहीं मिली है।
स्वच्छता रैंकिंग में मिलते 350 नंबर
अंडरग्राउंड सीवरेज याेजना का काम समय सीमा में पूरा हाे जाता ताे इस बार स्वच्छता रैंकिंग सुधर जाती। घराें का गंदा पानी नालियाें से नालाें और नालाें का पानी सीधे नर्मदा में नहीं मिलता। इस पर 350 नंबर है, जिसे नपा खाे देगी। अगली बारिश तक शहर के नालाें का गंदा पानी सीधे नर्मदा में मिलेगा।
कंपनी का तर्क- चुनाव, लॉकडाउन के कारण हुई देरी
निर्माता कंपनी के इंजीनियर संजीव कुमार के मुताबिक मालाखेड़ी और भीलपुरा पंपिंग स्टेशनाें पर निर्माण कार्य काफी हद तक हो गया है। शहर में मुख्य पाइपलाइन बिछाने की तैयारी है। लाॅकडाउन और बाढ़ की वजह से काम प्रभावित हुआ। एसटीपी के लिए भूमि का चयन नहीं हाेने के कारण और 2018 में विधानसभा चुनावाें के समय चुनाव आचार संहिता के कारण भी दाे माह काम नहीं हुआ।
हर काम में देरी: अंडरग्राउंड सीवरेज याेजना हाे या अमृत पेयजल याेजना..काेई भी याेजना अब तक पूरी नहीं हाे पाई। सही निगरानी नहीं हाेने से हर काम लापरवाही से रहा है।
कंपनी काे दाे माह में काम पूरा कराने के निर्देश दिए हैं। कंपनी ने समयसीमा बढ़ाने की मांग की थी, अतिरिक्त समय नहीं दिया है।
-एलएस बघेल, प्राेजेक्ट मैनेजर एमपीयूडीसी
स्वच्छता रैंकिंग में मिलते 350 नंबर
अंडरग्राउंड सीवरेज याेजना का काम समय सीमा में पूरा हाे जाता ताे इस बार स्वच्छता रैंकिंग सुधर जाती। घराें का गंदा पानी नालियाें से नालाें और नालाें का पानी सीधे नर्मदा में नहीं मिलता। इस पर 350 नंबर है, जिसे नपा खाे देगी। अगली बारिश तक शहर के नालाें का गंदा पानी सीधे नर्मदा में मिलेगा।
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