आटे और पलाश के पत्तों से बने दोने में किया दीपदान, नर्मदा को प्रदूषण से बचाने का दिया संदेश

कार्तिक माह में नदी व जलाशय में स्नान व दीपदान का धार्मिक महत्व होने से अलसुबह व शाम को महिलाएं पूजन के लिए नर्मदा तट पहुंच रही है। वैकुंठ चतुर्दशी की शाम बड़ी संख्या में श्रद्धालु नर्मदा में दीपदान के लिए पहुंचे। महिलाओं ने आटे व पलाश के पत्तों से बने दोनों से दीपदान कर नर्मदा को प्रदूषण से बचाने का संदेश दिया। कार्तिक पूर्णिमा सोमवार को भी नर्मदा में दीपदान होगा। राखी सराफ, अर्चना सराफ, राधे सराफ व रुपल सराफ आदि ने प्रदूषण मुक्ति का संकल्प भी लिया। राखी सराफ ने बताया वैकुंठ चतुर्दशी व कार्तिक पूर्णिमा पर परिवार सहित 251 आटे के दीपक से दीपदान किया जा रहा है। नर्मदा तट पर कुछ दुकानदारों ने पलाश के पत्ते से बने दोने भी बिक्री के लिए रखे।

आज काकड़ आरती के साथ होगा दीपदान
मां रेवा आरती समिति सोमवार को नर्मदा घाट पर कार्तिक पूर्णिमा महोत्सव मनाएगी। संयोजक प्रदीप शर्मा ने बताया मां नर्मदा का दुग्धाभिषेक व पूजन के बाद काकड़ा आरती होगी। नर्मदा घाट की फूलों व दीपक से सजावट होगी। दीपदान भी किया जाएगा। स्थानीय मंडली भजनों की प्रस्तुति देगी।



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Deepdan made in flour made of flour and palash leaves, message to save Narmada from pollution


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