मृदंग की थाप पर झूमकर नाचे अहीर, गौ पूजन कर निभाई परंपरा

ग्रामीण अंचल में रविवार को धूम-धाम से गोवर्धन पूजा की गई। सुबह गौ माता को स्नान कराया गया। उनके सींग में घी लगाया व शरीर पर दिए से निशान बनाए। दिन भर उनकी सेवा की गई। प्रचीन परंपरा के अनुसार गौ वंश को शाम को गौ-भूमि पर ले जाया गया। जहां अहीरों ने पूजन-पाठ कर दिवारी गीत गए और मृदंग की थाप पर नृत्य कर प्राचीन रस्म निभाई। मृदंग की थाप पर नाचते अहीरों को देखने भीड़ लगी रही। देर शाम तक यह कार्यक्रम चलता रहा। कौड़ी और रेशम की डोर से बने उनके पारम्परिक परिधान भी आकर्षण का केन्द्र रहे।

पाटन: घर-घर में हुई गोवर्धन पूजा
पाटन नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में धूमधाम से गौ-पूजन किया गया। घर-घर गोबर से बनाई गई गोवर्धन प्रतिमा का पूजन किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि पांच दिनों तक पूजन किया जाता है। इसके बाद इसके कंडे बनाए जाते हैं। जिसे फसलों के अच्छे उत्पादन का प्रतीक माना जाता है। दीपावली की रात से ही अहीरों की टोली गांव-गांव निकली। रात्रि में घर-घर जाकर लोगों को जगाया गया। कुंवरपुर के तुलाराम, दीनदयाल, नीलकंठ, रामकुमार यादव ने बताया कि दीप पूजन के बाद रात्रि में अहीरों की टोली निकलती है लोगों को छाउर से जगाया जाता है। यहां नेंग गांव को विपत्तियों से बचाने के लिए किया जाता है।

पनागर: भगवान श्रीकृष्ण को लगाए छप्पन भोग
पनागर में गोवर्धन पूजन जगह-जगह किया गया। गौ माता का पूजन कर भगवान श्रीकृष्ण को छप्पन भोग लगाए गए। प्रताप वार्ड, गांधी वार्ड के अभिमन्यु चौक पर अहीर नृत्य का प्रदर्शन हुए। जिसे देखने सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित रहे। पारंपरिक वेश-भूषा में नाचती अहीरों की टोली विशेष आकर्षण का केन्द्र रही।

गांधीग्राम: गौ माता को सजाया, किया पूजन
गांधीग्राम के बाजार स्थल पर गाय-बैल का पूजन परंपरानुसार किया गया। यहां पहुंचने से पहले पशुपालकों ने गाय-बैलों के सींगों को रंग-बिरंगे कलरों से सजाया। शरीर पर चित्र बनाए। गले में नई रस्सी बांधकर उन्हें बाजार स्थल लाया गया। जहां परंपराग वेश-भूषा में पहुंचे ग्वालों ने उनका पूजन किया।

सिहोरा: छाउर लेकर निकली अहीरों की टोली
सिहोरा में दीपावली के दूसरे दिन परीवा पर अहीरों की टोली दिवारी गीत गाते हुए लोगों के घर पहुंची। पराम्परिक वेशभूषा में नृत्य करते हुए अहीरों ने सुख-समृद्धि की कामना के साथ छाउर से दरीद्रता दूर करने की मंगलकामना की। ग्वालों की टोली जिस गली से गुजरती लोगों का मेला लग जाता था। घर पहुंचने पर लोगों ने टोली को प्रसाद व राशि देकर अगले साल फिर आने का न्यौता दिया। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी गोवर्धन पूजा के दौरान परंपरा अनुसार गौ माता का पूजन किया गया।

गोसलपुर: गुरैया बाबा के समक्ष नाचे ग्वाल
गोसलपुर स्थित विद्यासागर गौशाला सम्मेदगिरी मंदिर में गौ माता का पूजन किया गया। इस दौरान जनसेवा समिति के अध्यक्ष हेमचंद असाटी, दीपक प्रीतवानी, धर्मेंद्र जैन, सतीश तिवारी, नरेश तंतुवाय, मुन्ना यादव आदि मौजूद रहे। इसके अलावा धरमपुरा, हिरदेनगर, खजरी भदम, कछपुरा, जुझारी, घोराकोनी में भी गौ माता का पूजन किया गया। शाम को पशुपालक अपनी अपनी गाय व बैल को लेकर गुरैया बाबा के स्थल पर पहुंचे। जहां अहीरों ने पूजन कर नृत्य किया।

सिलौंड़ी: गौ-माता को सजाकर की पूजा
सिलौंड़ी में गौ माता को गेरू और विविध रंगों से सजाया गया। इसके बाद उनका पूजन अर्चन हुआ। परंपरागत वेशभूषा में आहीरों की टोली ने नृत्य कर रस्म निभाई। अहीरों का नृत्य देखने जमकर भीड़ लगी।

बरगी नगर: युवाओं ने किया पूजन- गोवर्धन पूजा पर बरगी नगर में युवाओं ने गौ माता का पूजन किया। उन्हें लाइ व बताशे खिलए। पूजन के दौरन संदीप गोपाल दास अग्रवाल, कृष्णकुमार चौकसे, अजय पटेल, नरेन्द्र पटेल आदि उपस्थित रहे।



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Ahir, dancing on the beat of Mridang, played tradition by worshiping cow


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