इस साल नए भर्ती कर्मचारियों की सेलरी काटकर 10 महीने में बचाए 500 करोड़

राज्य सरकार ने 2020 फरवरी के बाद भर्ती हुए 5000 कर्मचारियों की 30 फीसदी सेलरी कट कर 500 करोड़ रुपए की बचत की है, जबकि इस दरम्यान यूपीएससी और पीएससी से भर्ती हुए अफसरों को शत प्रतिशत वेतन दिया। इस तरह प्रदेश में पहली बार अफसरों और कर्मचारियों की भर्ती के बाद वेतन निर्धारण में यह दोहरे मापदंड सामने आए हैं। इस साल प्रदेश में सीधी भर्ती और अनुकंपा से भर्ती हुए 5000 तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के वेतन से फरवरी से नवंबर के बीच 500 करोड़ रुपए बचा लिए हैं। वहीं, अखिल भारतीय सेवा और राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों की नई भर्तियों के मामले में प्रोबेशनरी पीरिएड में भी 100 फीसदी भुगतान किया गया।

नए कर्मचारियों के मामले में अगले दो साल में इसी तरह सेलरी कट कर 1000 करोड़ रुपए बचाए जाने की योजना है। सरकार के इस फैसले से नई भर्ती से आए कर्मचारियों में नाराजगी है। इस मामले में सामान्य प्रशासन और वित्त विभाग क अफसरों का कहना है कि यह सरकार का फैसला है।

दरअसल, सरकार ने एक आदेश जारी कर नान पीएससी यानी विभागाध्यक्षों द्वारा की जाने वाली भर्तियों में सेलरी कट का फार्मूला लगा दिया है। इसमें नई भर्ती वाले कर्मचारियों को पहले साल में 70 फीसदी, दूसरे साल में 80 फीसदी, तीसरे साल में 90 फीसदी और चौथे साल में 100 फीसदी यानी पूरा वेतन मिल पाएगा। इसमें प्रत्येक कर्मचारी को तीन साल में 2.50 लाख रुपए का नुकसान होगा, और पूरे सेवाकाल में 2019 में भर्ती हुए कर्मचारी की बराबरी नहीं कर पाएगा। प्रदेश में इस तरह का यह पहला मामला है जब अफसरों और कर्मचारियों की भर्ती में यह भेदभाव किया गया है।

एक साल का अंतर पड़ेगा भारी
शासकीय सेवा में जो कर्मचारी 2019 में भर्ती हुए हैं उन्हें बराबर भर्ती की तारीख से शत प्रतिशत वेतन दिया जा रहा है और पहले साल से ही वेतनवृद्धि यानी हर साल 3 फीसदी का लाभ। वहीं, 2020 के बाद भर्ती में आने वाले कर्मचारियों को ज्वाइनिंग की तारीख के चौथे साल में यह लाभ मिल पाएंगे। पहले के तीन सालों में जो भी नुकसान हुआ है, उसकी सेवाकाल में भरपाई नहीं होगी। इस तरह एक साल की भर्ती का अंतर कर्मचारियों पर भारी पड़ेगा।

राज्य प्रशासनिक सेवा और अखिल भारतीय सेवा के अफसरों की भी कट की जाए सैलरी
राज्य अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह का कहना है कि 2020 फरवरी के बाद अखिल भारतीय सेवा और राज्य प्रशासनिक सेवा से भर्ती होने वाले अफसरों पर भी राज्य सरकार का कर्मचारियों का फार्मूला लागू होना चाहिए। अफसरों की भी सैली में कर्मचारियों के समान ही कट करना चाहिए।

डीए भी जुलाई 2021 तक सीज
कोरोना संकट की वजह से केंद्र के बाद राज्य सरकार कर्मचारियों का जुलाई 2021 तक पहले से ही कर्मचारियों का डीए पर रोक लगा चुकी है। इससे कर्मचारियों को हर महीने जहां 5 हजार अफसरों को 10 हजार रुपए हर महीने का नुकसान हो रहा है।



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प्रतीकात्मक फोटो


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