पॉलिटेक्निक में शुरू होंगे 2 इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स; आरजीपीवी में बैठक, शासन को भेजेंगे प्रस्ताव

मप्र के तकनीकी शिक्षा संस्थानों में मल्टीपल एंट्री मल्टीपल एग्जिट सिस्टम लागू करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में मंगलवार को बैठक हुई। इसमें आरजीपीवी सहित तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विभाग के अधिकारी व पॉलिटेक्निक के प्राचार्य शामिल हुए। इस सिस्टम को लागू करने के लिए कोर्स का स्ट्रक्चर तैयार करने पर चर्चा हुई। इसके बाद इसे राज्य सरकार को भेजा जाएगा।

शासन की मंजूरी के बाद शुरुआत में इसे डिप्लोमा इंजीनियरिंग स्तर के दो कोर्स के साथ लागू किया जाएगा। इसके बाद अंडर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेेजुएशन कोर्स में लागू होगा। मल्टीपल एंट्री मल्टीपल एग्जिट सिस्टम के तहत छात्र तकनीकी कोर्स में एडमिशन लेता है और एक साल पढ़ने के बाद छोड़ देता है तो उसे एक साल का सर्टीफिकेट मिलेगा।

यदि दो साल की पढ़ाई कर लेता है तो उसे आईटीआई का प्रमाणपत्र मिलेगा और तीनों साल की पढ़ाई करता है तो उसे इंजीनियरिंग का डिप्लोमा दिया जाएगा। इसके लिए एक क्रेडिट बैंक होगा। यदि दो साल की पढ़ाई करने के कुछ साल बाद वह दोबारा से डिप्लोमा पूरा करना चाहता है तो छात्र को एक साल की शेष पढ़ाई करनी होगी। वहीं क्रेडिट बैंक की सहायता से पूर्व में की गई दो साल की पढ़ाई के क्रेडिट जाएंगे। इस तरह 3 साल का डिप्लोमा पूरा हो जाएगा।

पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह कोर्स होंगे शुरू
आरजीपीवी कुलपति प्रो. सुनील कुमार ने बताया कि पॉयलट प्राेजेक्ट के तौर पर डिप्लोमा इंजीनियरिंग इन आईओटी और डिप्लोमा इन एक्ट्रिकल व्हीकल कोर्स शुरू किए जाएंगे। सत्र 2021-22 से भोपाल के दोनों शासकीय पॉलिटेक्निक में संचालित करने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जाएगा।



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राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (फाइल फोटो)


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