20 दिन में 13 बुजुर्गों ने गंवाई जान, हर्ड इम्युनिटी बढ़ने से युवाओं में संक्रमण कम

कोरोना से एक और बुजुर्ग महिला की मौत की पुष्टि हुई है। गुलाबनगर की 60 वर्षीय महिला ने जिला अस्पताल में दम तोड़ा। उनका 10 दिसंबर से इलाज चल रहा था। 13 को उनकी पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी। शनिवार को महिला ने दम तोड़ दिया। इस महीने में 20 दिन में कोरोना से यह 13वीं मौत है। ये सभी बुजुर्ग ही है। अधिक उम्र व अन्य बीमारी से ग्रसित होने से ज्यादातर ने दम तोड़ा।
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है बीते 20 दिन के कोरोना के ट्रेंड में यह देखा गया है कि लोगों में हर्ड इम्युनिटी (सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता) विकसित कर लेने से अब नए मरीजों में ज्यादा युवा संक्रमित नहीं हो रहे हैं। या गंभीर हालत जैसी बात नजर नहीं आ रही है। वे तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं। रविवार के हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक बीते 24 घंटे में 28 नए कोरोना के मरीज मिले हैं। जबकि 23 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे हैं। इस तरह जिले में कोरोना के कुल 4788 मरीज है। इनमें 4537 डिस्चार्ज हो चुके हैं। जिले में कुल 88 मरीजों की मौत हो चुकी है। अभी भी 163 मरीजों की हालत स्थिर है। 24 घंटे में 670 सैंपल की निगेटिव रिपोर्ट आई। 650 नए सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। जिले में कुल 115 कंटेनमेंट एरिया है।
दिसंबर : मृत्युदर व बढ़ते स्थिर मरीज
तारीख मरीज मृतक स्थिर मृत्युदर
1 4380 75 228 1.71
5 4474 80 126 1.78
10 4563 82 116 1.79
15 4663 85 136 1.82
20 4788 88 163 1.83
5 माह में मरीजों की जानिए स्थिति
महीना मरीज मृतक स्थिर मृत्युदर
जुलाई 744 17 177 2.28
अगस्त 1573 28 286 1.78
सितंबर 3345 43 449 1.28
अक्टूबर 3872 63 100 1.62
नवंबर 4380 75 234 1.71
नोट- (हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक)
20 दिन की स्थिति: 408 नए मरीज मिले, बढ़ रहे हैं सक्रिय मरीज
जिले में अब तक 88 लोगों ने जान गंवाई है। दिसंबर के 20 दिनों में 13 मरीजों की मौत हुई। यह संक्रमण के दूसरे दौर का अब तक का सबसे ज्यादा मृत्यु दर है। इस दौरान 408 नए मरीज भी मिले हैं। सितंबर में सबसे कम मृत्युदर 1.28 पर आ गई थी। उसके बाद अक्टूबर में बढ़कर 1.62, नवंबर में 1.71 हो गई। अब यह 20 दिसंबर की स्थिति में बढ़कर 1.83 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
एक्सपर्ट व्यू...
हर्ड इम्युनिटी से युवा कम हो रहे बीमार - डाॅ. वर्मा
सिविल सर्जन डॉ दिव्येश वर्मा बताते हैं कोरोना के प्रति हर्ड इम्युनिटी विकसित हो जाने से युवा कम बीमार हो रहे हैं। या वे ही संक्रमित हो रहे हैं, जिनकी इम्युनिटी कमजोर हैं। महीनेभर से ज्यादातर बुजुर्ग संक्रमित हो रहे हैं। मौसम में भी बदलाव आता रहा। यह अलर्ट की बात है कि यदि बुजुर्गों में दूसरी बीमारियां भी हैं तो गंभीर स्थिति में पहुंचने के बाद उनका इलाज मुश्किल रहता है। बुजुर्गों की निगरानी ज्यादा जरूरी है। सैंपलिंग बढ़ने से जिले में मरीजों की संख्या बढ़ी है। रोज 600-700 सैंपलिंग हो रही हैं। उस हिसाब से औसत मरीज मिलना ज्यादा नहीं कह सकते हैं। फिर भी हर हाल में सतर्कता जरूरी है।
यह है हर्ड इम्युनिटी : डॉक्टरों के मुताबिक हर्ड इम्युनिटी यानी सामूहिक प्रतिरोधक क्षमता। जब वायरस से संक्रमित हो जाने के बाद शरीर के अंदर संक्रमण के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता पैदा हो जाना। ऐसी स्थिति को हर्ड इम्युनिटी माना जाता है।
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