सौर ऊर्जा से रोशन स्कूल, एक साल में एक लाख 20 हजार की बचत
हर माह भारी भरकम बिजली बिलों से तंग हो चुके सरकारी स्कूल अब बिजली के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाने लगे हैं। जिसमें चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति के साथ-साथ हर माह हजारों रुपए की बिजली बिल की बचत हो रही है।
दरअसल ऊर्जा विकास विभाग द्वारा दो साल पहले शहर व जिले के सरकारी हायर सेकंडरी स्कूलों की छतों पर सौर ऊर्जा लाइट के पैनल लगाए थे। इनमें जेपीबी स्कूल में 20 किलो वॉट, एक्सीलेंस स्कूल में 30 किलो वॉट, मॉडल स्कूल में 20 किलो वॉट, एमएलबी स्कूल में 20 किलो वॉट, ऊर्दू स्कूल में 10 किलो वॉट, हिरदेपुर स्कूल में 10 किलो वॉट, मारुताल स्कूल में 10 किलो वॉट, समन्ना स्कूल में 10 किलो वॉट, समन्ना स्कूल में 10 किलो वॉट और हिंडोरिया स्कूल में 10 किलो वॉट के सोलर संयंत्र लगाए थे।
इन स्कूलों में सबसे पहले मॉडल स्कूल ने बीते साल ही समस्त प्रकार की औपचारिकताएं पूर्ण कर नवंबर 2019 में बिजली कंपनी को राशि जमा कर मीटर लगवाया था। तभी से स्कूल में सौर ऊर्जा से बिजली चालू हो गई। जिसमें रोजाना 40 यूनिट बिजली का उत्पादन होता है। सबसे पहले यह बिजली बिजली लाइन के माध्यम से बिजली कंपनी के सब स्टेशन में बने ग्रिड में जाती है। वहां से स्कूल को जरूरत के हिसाब से पुन: स्कूल के लिए बिजली भेजी जाती है। एक-एक यूनिट की एंट्री स्कूल में लगे मीटर एवं बिजली कंपनी के सर्वर से होती है।
स्कूल द्वारा खुद की बिजली बनाए जाने की वजह से अब अब स्कूल में बीते एक साल से कोई बिल भी नहीं आ रहा है। जिससे हर माह 9 से 10 हजार रुपए की बचत होती है। इस तरह एक साल में स्कूल ने 1 लाख 20 हजार रूप बिजली बिल की बचत की है। मॉडल स्कूल में बिजली का सफल प्रयोग होने के बाद अब एक्सीलेंस, जेपीबी सहित अन्य स्कूलों में बीते माह से इस प्रक्रिया को चालू कर दिया गया है। जिससे अब धीरे-धीरे वहां पर भी बिजली बिल में बचत होेने लगेगी।
गौरतलब है कि स्कूली शिक्षा विभाग ने जिले भर के सभी हायर सेकंडरी स्कूलों में सोलर पेनल लगाने के लिए करीब तीन करोड़ रूप आवंटित किए थे। इस राशि से विभाग द्वारा सभी स्कूलों में सोलर पैनल लगाए गए। लेकिन स्कूल के प्राचार्यों द्वारा इन्हें चालू कराने में रूचि नहीं ली गई थी।
लेकिन मॉडल स्कूल का सफल प्रयोग देखकर कलेक्टर ने समस्त स्कूलों को शीघ्र ही सोलर पैनल चालू कराने के निर्देश दिए थे। जिससे अब अन्य स्कूलों में भी धीरे-धीरे सौर ऊर्जा से बिजली शुरू हो रही है। जिससे विभाग को सोलर पैनल लगाने में जितनी राशि खर्च हुई है, वह राशि बिजली बिल की बचत के रूप में एक से दो साल में पूर्ण हो जाएगी।
रोजाना 40 यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा
^बीते साल नवंबर में बिजली कंपनी में पैसे जमा कर मीटर लगवा लिया था। तभी से सोलर पैनल चालू हो गया था। जिससे रोजाना 40 यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। एक साल में 1 लाख 20 हजार रूप बिजली बिल की बचत हो चुकी है।-
नरेंद्र नायक, प्राचार्य, मॉडल स्कूल
सभी स्कूलों को दिए निर्देश
^जिले के जिन-जिन सरकारी स्कूलों में सोलर पैनल लगाए गए थे, उन्हें चालू कराने के निर्देश दिए गए हैं। शीघ्र ही सभी स्कूलों में सोलर पैनल चालू हो जाएंगे।-
एचएन नेमा, डीईओ
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