स्मार्ट सिटी कंपनी को टीटी नगर की 342 में से करीब 87 एकड़ जमीन छोड़ना पड़ेगी, दोबारा करना होगी प्लानिंग

टीटी नगर में 342 में से 87 एकड़ जमीन का स्मार्ट सिटी कंपनी को पजेशन ही नहीं मिल सकता। इसमें निजी मकान, दुकान, स्कूल और मांगलिक भवन आदि शामिल हैं। स्मार्ट सिटी के व्यापारियों के विरोध के बाद कंपनी ने फिर सर्वे कराया है। इसके बाद तैयार नक्शे में ‘नॉट इन पजेशन’ जमीन का अलग से उल्लेख है। कंपनी को यहां डेवलपमेंट करने के लिए इस क्षेत्र को डिनोटिफाई करना पड़ेगा।

नए नक्शे से पता लगता है कि स्मार्ट सिटी का प्लान हड़बड़ी में तैयार हुआ है। टीटी नगर की बसाहट के समय का नक्शा लेकर प्लान बना दिया, जबकि बाद में शासन ने जमीन लीज पर दी है। इसमें से कई तो हाल के वर्षों में ही अगले 30 वर्षों के लिए रिन्यू भी की गई है। स्मार्ट सिटी कंपनी के ईडी वीएस चौधरी कोलसानी का कहना है कि फिलहाल फोकस चालू प्रोजेक्ट पूरा करने पर है। इस मसले पर बाद में विचार किया जाएगा।

40 करोड़ रुपए से तैयार बुलेवर्ड स्ट्रीट पर लग रही अवैध सब्जी मंडी
माता मंदिर से जवाहर चौक तक लगभग तैयार हो चुकी बुलेवर्ड स्ट्रीट के दोनों ओर अवैध सब्जी मंडी बन गई है। एक तरफ भाजपा और दूसरी तरफ कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने कब्जा करा दिया है। 40 करोड़ से तैयार हुई बुलेवर्ड स्ट्रीट पर स्मार्ट सिटी कंपनी 30 करोड़ रुपए से लेकर 80 करोड़ रुपए के प्लॉट बेचकर पहले चरण में 265 करोड़ जुटाना चाहती है। लेकिन यहां हो रहे अतिक्रमण को रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है।

लेटलतीफी और लापरवाही का सिलसिला- सालभर बाद भी नहीं हुआ जवाहर चौक से हटाए गए 211 दुकानदारों का व्यवस्थापन
स्मार्ट सिटी कंपनी ने जनवरी के पहले सप्ताह में जवाहर चौक से 211 दुकानदारों को हटाया था। करीब सालभर में भी इनका व्यवस्थापन नहीं हो सका है। व्यापारी कल्याण महासंघ के अध्यक्ष राकेश जैन ने सोमवार को कलेक्टर अविनाश लवानिया, नगर निगम के कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी और स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ आदित्य सिंह से मुलाकात की। उन्होंने सामाजिक संस्थाओं और निजी व्यक्तियों को लीज पर दी गई जमीन को स्मार्ट सिटी के प्लान में शामिल करने से आ रही परेशानियों पर अफसरों से चर्चा की। अफसरों ने उन्हें बताया कि नए सिरे से सर्वेे कराया गया है।

एमएलए क्वार्टर्स के 24 मकान भी दायरे में
रंगमहल चौराहे से जवाहर चौक तक सड़क को 45 मीटर चौड़ा करने की प्लानिंग है। ऐसी स्थिति में ओल्ड एमएलए क्वार्टर्स के 24 मकान दायरे में आ रहे हैं। सड़क के दूसरी ओर की निजी दुकानें भी इसमें आ रहीं हैं। कुल मिलाकर 2000 से अधिक दुकानदार और 100 निजी मकान स्मार्ट सिटी के दायरे में हैं।



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हड़बड़ी में बना दिया था प्लान... डेवलपमेंट के लिए इस क्षेत्र को नए सिरे से करना पड़ेगा डिनोटिफाई


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