मिट्टी व फसल बीमारी के लिए कृषि विज्ञान केंद्रों में होगी ओपीडी
कृषि विज्ञान केंद्र पलिया पिपरिया में शनिवार को किसान संगोष्ठी हुई। इसमें प्रमुख रूप से कृषि मंत्री कमल पटेल शामिल हुए। कृषि मंत्री ने कहा कृषि विज्ञान केंद्रों में मॉडल प्रयोगशाला बनाई जाएगी। मिट्टी परीक्षण एवं फसल बीमारियों की जानकारी के लिए केवीके केंद्रों पर ओपीडी और टोल फ्री नंबरों की व्यवस्था की जाएगी।
इसके माध्यम से किसान घर बैठे फसलों में लगे रोग और उनके उपचार की जानकारी ले सकेंगे। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र पलियापिपरिया में व्यवस्था के देने के लिए कहा कि मैं केंद्र में सारी व्यवस्था दूंगा, लेकिन अब औपचारिकता नहीं चलेगी। किसानों के बीच जाकर चौपाल लगाना होगा। किसानों की समस्या का समाधान करना होगा।
नए कृषि बिलों को किसान हितैषी बताते हुए विभिन्न फायदे बताएं। इस दौरान जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि जबलपुर कुलपति प्रदीप कुमार बिसेन ने भी किसानों को हित में कृषि बिलों को बताया। इस दौरान विधायक ठाकुरदास नागवंशी, अटारी निदेशक श्याम सिंह रंजन सहित अनेक उपस्थित रहे।
किसानों और प्रशिक्षकों को दिया प्रमाण पत्र
कृषि संगोष्ठी के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र में महरूम, डेयरी वर्कर, उद्यानिकी खेती, जैविक खेती का प्रशिक्षण प्रदान करने वाले प्रशिक्षकों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। वहीं क्षेत्र के उत्कृष्ठ एवं जैविक खेती पर काम करने वाले किसानों को आत्मा परियोजना के तहत सम्मानित किया। इस पूर्व केवीके द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कृषि मंत्री पटेल ने कहा दूधी नदी पर डेम के साथ ही प्रदेश में अन्य स्थानों पर जल्द ही सिंचाई की व्यवस्था बढ़ाई जाएगी।
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