पहाड़ों की कटिंग में देरी की वजह से दो साल बढ़ गई तीसरी रेल लाइन की अवधि
बीना-कटनी रेलखंड पर ट्रेनों के बढ़ते दवाब को कम करने के लिए तीसरी रेल लाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है। 263 किमी लंबे इस रूट पर का काम वर्ष 2022 में पूरा होना है, लेकिन दमोह से गोलापटी एवं लिधोरा के बीच अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है।
जिससे अब इसकी अवधि को दो साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। काम में देरी की वजह से इसकी लागत भी बढ़ रही है। यही वजह है कि पिछले रेल मंडल प्रबंधक शैलेंद्र सिंह ने कटनी से दमोह के बीच तीसरी लाइन का निरीक्षण कर चुके हैं। जिन्होंने वर्ष 2024 के पूर्व इस लाइन को पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
इस रूट पर देरी ही मुख्य वजह पहाड़ों की कटिंग में देरी होना है। घटेरा रेलवे स्टेशन से गोलापटी रेलवे स्टेशन के बीच पहाड़ी कटिंग होना है। इसी तरह रतनगांव स्टेशन के आगे जंगलों में बने 40 से 50 फीट ऊंचाई के पुराने पुल के बाजू से नए पुल बनाए जाना है। इसके अलावा दमोह से घटेरा स्टेशन के बीच व्यारमा नदी एवं दमोह से पथरिया के बीच कोपरा एवं सुनार नदी पर भी पुराने पुल के बाजू से नए पुल बनाए जाना है।
डांगीडहर स्टेशन के पास भी पहाड़ की कटाई होना है। बीना-कटनी रेलखंड पश्चिम मध्य रेलवे का सबसे महत्वपूर्ण रूट है। इस मार्ग से बड़े-बड़े पावर हाऊस के लिए कोयला उपलब्ध कराया जाता है। इसी रूट पर सबसे अधिक मालगाड़ियां भी चलती हैं। एक दिन में 90 से 95 मालगाड़ियों इसी रूट से निकलती हैं। रेलवे को कोयला ढुलाई से सबसे अधिक मालभाड़ा इसी रूट से मिलता है।
इस मार्ग पर यात्री गाड़ियों की संख्या भी बढ़ गई है। वर्तमान में दोहरे मार्ग के कारण यात्री ट्रेनों को निकालने के दौरान कई मालगाड़ियां को अन्य स्टेशनों पर रोकना पड़ता है जिससे वह समय पर माल नहीं पहुंचा पाती। तीसरी लाइन बनने के बाद इस मार्ग पर यातायात सुगम हो जाएगा।
मालगाड़ियां बिना किसी रूकावट के अपने गंतव्य तक समय पर पहुंचेंगी। साथ ही यात्री ट्रेनें भी समय से चलेंगी। गौरतलब है कि इसके पहले भोपाल से बीना तक तीसरी लाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका है। दूसरी ओर कटनी से अनूपपुर तक भी तीसरी लाइन बिछाई जाना है। ऐसे में भोपाल से छत्तीसगढ़ तक तीसरी लाइन बिछने से रेलवे को मालभाड़ा से होने वाली आमदनी कई गुना बढ़ जाएगी।
पटरी किनारे से हटेंगे अतिक्रमण, नोटिस जारी
- तीसरी लाइन बनने की वजह से रेल लाइन के बाजू से बने अतिक्रमण को हटाया जाना है। दमोह शहर के फुटेरा फाटक, धरमपुरा, सागर नाका के पास बीते साल ही अतिक्रमण चिन्हित किए जा चुके हैं। साथ ही नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं। अधिकारियों के तीसरी लाइन का काम शुरू होते ही इन अतिक्रमण को हटाया जाएगा।
- इन स्टेशनों का होगा कायाकल्प: गोलापटी स्टेशन से कटनी की ओर दो साल पहले ही काम शुरू हो चुका है। जहां पर रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया जा रहा है। वहीं सलैया एवं सगोनी रेलवे स्टेशन को नए सिरे से बनाया जा रहा है। जहां पर यात्रियों को फुट ओवर ब्रिज के अलावा प्लेटफार्म की लंबाई एवं उंचाई बढ़ाई जा रही है। इसी तरह दमोह रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक की लंबाई बढ़ाई जाएगी।
- 12 बड़े, 276 छोटे पुल बनाए जाएंगे: 263 किमी लंबी तीसरी लाइन का काम तीन खंडों में किया जाएगा। जिसमें मालखेड़ी से लिधोरा स्टेशन तक, लिधोरा से गोलापटी एवं गोलापटी से कटनी तक अलग-अलग स्थानों पर काम होना है। इस लाइन पर कुल 316 पुल बनाए जाएंगे। जिसमें 12 बड़े, 26 मध्यम एवं 278 छोटे पुल बनाए जाएंगे। रेलवे ने तीसरी लाइन निर्माण की अवधि छह वर्ष रखी है।
इन स्टेशनों से गुजरेगी तीसरी लाइन
बीना-कटनी रेलखंड के बीच कुल 32 रेलवे स्टेशनों से होकर तीसरी लाइन बिछाई जाएगी। जिसमें आगासोद, बघोरा, खुरई, सुमरेही, जरूआखेड़ा, इसरवारा, नरयावली, रतौना, सागर, मकरोनिया, लिधौराखुर्द, गिरवर, डांगीडहर, गणेशगंज, पथरिया, असलाना, दमोह, करैया भदौली, बांदकपुर, घटेरा, गोलापट्टी, सगौनी, रतनगांव, सलैया, बखलेटा, रीठ, पटौहा, हरदुआ, मझगुंवा फाटक व कटनी मुंडवारा से जुड़ जाएगी।
तीसरी लाइन का तेजी से चल रहा काम
^गोलापटी से कटनी के बीच तीसरी लाइन का काम तेजी से चल रहा है। पहाड़ों की कटिंग व नदियों पर बनने वाले पुलों की वजह समय लग रहा है। वहां का काम कंपलीट होते ही दमोह के दोनों रूट से काम चालू हो जाएगा। यह पूरा काम वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में चल रहा है। -
जेएस मीणा, स्टेशन प्रबंधक
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