आज सिर्फ पालकों को ही प्रवेश, व्यवस्था देख कर जो सहमति देंगे उनके बच्चों को ही स्कूल में एंट्री

कोरोना संक्रमण के दौर में शुक्रवार से जिले में 10वीं-12वीं के स्कूल खुलने जा रहे हैं। अब स्कूलों में कक्षा इनकी रेगुलर क्लास लगाई जाएंगी। स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कक्षाओं का संचालन करना काफी चुनौती भरा होगा। वहीं शिक्षा विभाग का दावा है कि एहतियात के तौर पर संक्रमण से बचाव को लेकर सभी स्कूलों के प्राचार्यों को गाइड लाइन जारी की गई है, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग के लिए एक बेंच पर एक विद्यार्थी को बिठाने, हर कक्ष में हैंड सैनेटाइजर रखने, परिसर को सैनिटाइज कराने, मास्क का उपयोग अनिवार्य करने को कहा गया है। सहमति न मिलने पर स्कूल नहीं आ पाने वाले विद्यार्थियों को विषय वार नोट्स बनाकर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा ऑनलाइन भी पढ़ाई कराई जाएगी। इसकी जिम्मेदारी शिक्षकों की रहेगी

जिले में बोर्ड स्कूल के करीब 25 हजार विद्यार्थी
जिले में कक्षा 10वीं एवं 12वीं में करीब 25 हजार बच्चे दर्ज हैं। इनमें कई हाई स्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूलों में 800 से 1000 विद्यार्थी दर्ज हैं। इन स्कूलों में बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बिठाकर रेगुलर कक्षाएं लगाना बहुत बड़ी चुनौती है। जिला मुख्यालय के एक्सीलेंस स्कूल, शासकीय एमएलबी उच्चतर माध्यमिक स्कूल सहित जिले में कई स्कूल ऐसे हैं, जिनमें बहुत अधिक संख्या में विद्यार्थी दर्ज हैं।

बच्चों को स्कूल भेजने अभिभावकों पर दबाव नहीं
शुक्रवार को हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल खुलने के पहले दिन क्लास नहीं लगेंगी। पहले दिन केवल स्कूलों में छात्र-छात्राओं के पालकों को बुलाया गया है। यहां बच्चों को संक्रमण से बचाव के लिए किए गए इंतजामों के बारे में बताया जाएगा। उनके बच्चों की सुरक्षा के संबंध में समझाइश दी जाएगी। जिन अभिभावकों की सहमति होगी उनके बच्चों को नियमित रूप से स्कूल में बुलाकर पढ़ाई कराई जाएगी। अभिभावक चाहें तो वे बच्चों को स्कूल ना भेजने के लिए स्वतंत्र रहेंगे।
प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के कक्षों का भी होगा उपयोग
जिले में करीब 120 हाई स्कूल और 88 हायर सेकंडरी स्कूल हैं। कई स्कूलों में छात्र संख्या अधिक होने से सोशल डिस्टेंसिंग की गाइड लाइन का पालन कराने में कक्ष कम पड़ेंगे। शिक्षा विभाग का दावा है कि जरूरत पड़ने पर कक्षों की कमी पूरी करने के लिए प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के कक्षों का उपयोग किया जाएगा। जिले के हाई स्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में 762 प्राइमरी-मिडिल स्कूलों को मर्ज किया जा चुका है। कक्षों की कमी नहीं आने की बात कही जा रही है।
9वीं, 11वीं की कक्षाएं सप्ताह में दो या तीन दिन लगेंगी
कक्षाओं के संचालन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए कक्षा 9वीं और 11वीं की क्लास रेगुलर नहीं लगाई जाएंगी। सप्ताह में दो या तीन दिन कक्षा 9 और 11वीं की कक्षाओं को लगाया जा सकता है। इन कक्षाओं के संचालन की व्यवस्था स्कूल प्राचार्यों को स्व विवेक से उपलब्ध संसाधन के हिसाब से करने को कहा है। प्राचार्य को छात्र-छात्राओं को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बिठाने के लिए रोटेशन, अल्टरनेट और ग्रुप सिस्टम के तहत कक्षाएं ही लगेंगी।

शासन के आदेश और कोविड-19 की गाइड लाइन के तहत कक्षाएं लगाई जाएंगी

शासन के आदेश के तहत जिले में शुक्रवार से 10वीं और 12वीं के स्कूलों को खोलने के संबंध में समस्त प्राचार्यों को गाइड लाइन जारी की गई है। कक्षाओं के संचालन में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बच्चों को बिठाने सहित हैंड सेनेटाइजर, मास्क का उपयोग के नियमों का अनिवार्य रूप से पालन कराया जाएगा।- एके मुद्गल, जिला शिक्षा अधिकारी।



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Today, only parents have admission, after seeing the system, who will give consent to their children in the school


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