कोरोना पैकेज... 10 लाख व्यापारी बनेंगे उद्यमी
कोरोना वायरस से प्रभावित सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्यम (एमएसएमई) को दिए गए राहत पैकेज का फायदा लेने के लिए बड़े पैमाने पर होटल, केटरिंग और ट्रांसपोर्टेशन जैसी सेवाओं से जुड़े व्यापारी एमएसएमई में पंजीयन करा रहे हैं। सरकार ने 2017 में घोषित अपनी गाइडलाइन में कई नए सेक्टर्स को एमएसएमई के दायरे में मान लिया था। खासतौर पर सर्विस से जुड़े उद्योगों को, लेकिन कोई खास फायदा न मिलता देख इस सेक्टर से जुड़े व्यापारियों ने अब तक एमएसएमई का पंजीयन नहीं लिया था, लेकिन अब इनके साथ ऑटोमोबाइल डीलर और थोक कारोबारी भी तेजी से एमएसएमई में पंजीयन करा रहे हैं।
सरकारी परिभाषा के अनुसार प्रदेश में करीब 10 लाख व्यापारी एमएसएमई का पंजीयन लेने की पात्रता रखते हैं। आने वाले दिनों में सरकार के राहत पैकेज में बिना गारंटी के लोन जैसी सुविधाओं का फायदा लेने के लिए तेजी से एमएसएमई में पंजीयन करा रहे हैं। भोपाल टैक्स लॉ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एस कृष्णन का कहना है कि सरकारी क्षेत्र व बड़ी कंपनियों को सेवाएं व सामान की सप्लाई देने वाले व्यापारियों को एमएसएमई के पंजीयन लेने का फायदा है। उनका कोई पेमेंट 45 दिन से ज्यादा नहीं अटकेगा। क्योंकि इस अवधि से अधिक पेमेंट रोकने पर बड़ी कंपनियों और सरकार को मय ब्याज एमएसएमई को भुगतान करना पड़ता है।
इन ट्रेड को है एमएसएमई में जाने की पात्रता
वनोद्योग व कटाई, मत्स्याखेट व मत्स्य पालन, गाड़ियों की रिपेयरिंग व उनका थोक व खुदरा कारोबार, अन्य वस्तुओं का थोक व खुदरा कारोबार, मुर्गी, मधुमक्खी व रेशम कीड़े का पालन, सिंचाई उपकरण, कृषि उपज की कटाई, छनाई व पैकिंग, कपास की सफाई, तंबाखू पत्ते तैयार करना और बीजोपचार।
- 11 लाख एमएसएमई हैं अभी प्रदेश मेंं, 10 लाख बढ़ने के बाद संख्या हो जाएगी 21 लाख।
- 40 हजार व्यापारी हैं, कैट की 40 लाख से ज्यादा टर्नओवर वाले को एमएसएमई का दर्जा देने की मांग।
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