तालाब में डूबने से 4 बच्चाें की माैत, तालाब के बीचों-बीच मिट्टी निकालने खोद दी गई थी गहरी खाई, इस कारण हादसा 

बमीठा से सटे राजापुरवा गांव के पास स्थित पड़का तालाब के बीच गहरी खाई में नहाते समय 4 बच्चों की डूबने से मौत हो गई। घटना मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे की है। पुलिस ने चारों बच्चाें के शवों का राजनगर अस्पताल में पीएम कराया और मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। वहीं इस घटना के बाद पूरे राजापुरवा गांव में मातम पसरा हुआ है।

ग्राम राजापुरवा पन्ना रोड पर बमीठा से बिल्कुल सटा हुआ है। मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे गांव के एक ही मुहल्ले के आफताब पिता नईम खान 13 वर्ष, अंशुल पिता राजेंद्र असाटी 12 वर्ष, अनंत पिता संतोष साहू 12 वर्ष और जगदीश उर्फ गोलू पिता हरप्रसाद लखेरा 11 वर्ष साथ में गांव के समीप श्मशान घाट और कब्रिस्तान के पीछे स्थित पड़का तालाब पर नहाने गए थे। इन दिनाें तालाब में पानी काफी कम हाे गया है, लेकिन तालाब में ईंट भट्‌टा और अन्य कार्यों के लिए लोगों ने मिट्टी निकाल कर गहरी खाई खोद दी है। यह खाई करीब 10-15 फीट गहरी है, इसमें पानी भर गया है। खाई में अच्छा पानी होने के कारण चारों बच्चे उसमें नहाने चले गए। दोपहर होने के कारण तालाब में सन्नाटा था। करीब 2 बजे के आसपास किसी राहगीर ने खाई के पानी में एक बच्चे का शव उतराते देखा तो उसने गांव वालों को और पुलिस को सूचना दी।

सूचना मिलते ही एसडीओपी खजुराहो मनमोहन सिंह बघेल, बमीठा थाना प्रभारी दिलीप पांडेय, पूर्व सरपंच जमाल खान, लकी सिंह बघेल सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण पड़का तालाब पहुंचे। खाई के किनारे पर बच्चों के 4 जोड़ी कपड़े रखे हुए थे। सबसे पहले ग्रामीणों की मदद से पानी में उतरा रहे बच्चे का शव बाहर निकाला, इसकी शिनाख्त आफताब खान 13 वर्ष के रूप में की गई। इसके बाद खाई में 3 अन्य बच्चों की तलाश की गई। कुछ ही देर में पानी में डूबे तीनों बच्चों अंशुल असाटी, अनंत साहू और जगदीश उर्फ गोलू के शव भी बाहर निकाल लिए गए। पुलिस ने मौके का पंचनामा तैयार किया। सरपंच पति जमाल खान ने चारों बच्चों के शवों को कफन में लिपटा कर अपने वाहन से पीएम के लिए राजनगर भिजवाया। शाम को चारों बच्चों के शवों का पीएम कर के परिजनों को सौंप दिए गए।

मौत के बाद बच्चों के माता-पिता का रो-रोक कर बुरा हाल
खाई में डूबने से एक ही मुहल्ले के 4 बच्चों की मौत हो जाने पर पूरे बमीठा-राजापुरवा गांव में मातम पसरा हुआ है। इस घटना के बाद गांव के लोग शोकाकुल परिवारों के घर पहुंच गए। जब चारों बच्चों के शव सफेद कपड़े में लपेट कर रखे गए तो हर आंख से आंसू निकल रहे थे। चारों परिवारों में बच्चों की मौत के बाद कोहराम मचा हुआ है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। देर शाम आफताब आलम को अपार समुदाय के बीच दफना दिया गया, जबकि अन्य का अंतिम संस्कार बुधवार सुबह किया जाएगा। इस मामले में बमीठा थाना प्रभारी दिलीप पांडेय ने बताया कि चारों बच्चों की डूबने के कारण मौत हुई है। चारों का पीएम कराया गया है। मर्ग कायम कर लिया है, फिलहाल हम मामले की जांच कर रहे हैं।

चारों बच्चों का एक साथ किया अंतिम संस्कार
खाई में डूबने वाले चारों बच्चों के शवों का शाम को पीएम किया गया और परिजनों को सौंप दिया गया। इसके बाद गांव वालों एवं परिजनों से सभी बच्चों का एक साथ शाम को ही अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया। इसके बाद मंगलवार की देर शाम अपार जनसमुदाय के बीच चारों बच्चों को एक ही स्थान पर कुछ कुछ दूरी पर दफना दिया गया। इस दौरान वहां मौजूद सैकड़ों लोगों की आंखों में आंसू थे।

दादा बोले- पता ही नहीं चला कब आफताब घर से निकला
मृतक बच्चे आफताब खान के दादा 68 वर्षीय हमीद खान ने रोते हुए बताया कि हम सभी बच्चों को घर में ही रखते थे। हमें पता ही नहीं चला कि आफताब कब घर से निकल गया। जब लोगों से तालाब की खाई में एक बच्चे के शव की जानकारी मिली तो हम दौड़ कर वहां पहुंचे। देखा कि हमारा पोते आफताब का शव पानी में उतरा रहा था।

दो-दो बहनों के बीच लाड़ले भाई थे जगदीश और आफताब

पानी में डूबने से मरने वाले बच्चों में आफताब आलम अपने माता पिता की 3 संतानों में एक था। नईम खान के 2 बेटियां और एक बेटा आफताब था। उनके घर का चिराग ही बुझ गया। इसी तरह जगदीश उर्फ गोलू लखेरा भी अपनी 2 बहनों के बीच में अकेला भाई था। इन दोनों घरों के बेटे कुदरत ने छीन लिए।



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4 children drowned due to drowning in the pond, deep ditch was dug out in the middle of the pond, due to this accident


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