जनरल प्रमोशन नहीं देने के फैसले पर छात्रों ने खोला मोर्चा, बोले- जब कोर्स 50% भी पूरा नहीं हुआ तो कैसे देंगे परीक्षा

कॉलेज और विश्वविद्यालयों के अंडर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के छात्रों को जनरल प्रमोशन नहीं देने के निर्णय को गलत बताते हुए छात्रों ने मोर्चा खोल दिया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान की राज्यपाल लालजी टंडन के साथ सोमवार को हुई बैठक में 29 जून से 31 जुलाई तक फाइनल ईयर की परीक्षा कराने का निर्णय लिया है। छात्र इसका विरोध दर्ज करा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर #GeneralPromotionToMPStudents ट्रेंड कराकर सुरक्षा की दृष्टि से और अलग-अलग परेशानियां बताकर जनरल प्रमोशन की मांग कर रहे हैं। यह सीएम और राज्यपाल को बताना चाह रहे हैं कि आईआईटी बॉम्बे जैसे संस्थानों ने स्टूडेंट्स को जनरल प्रमोशन देने का निर्णय लिया है। यह सभी की सुरक्षा के लिए बेहतर है। छात्र बड़ी संख्या में अपनी बात रख रहे हैं।
छात्रों के सवाल... बहुत से छात्र कंटेनमेंट जोन से हैं, उनके आने-जाने की सुविधा क्या रहेगी
- मुख्यमंंत्री जी, मैं अपने माता-पिता की एक ही संतान हूं और मैं उनके और अपने जीवन को सिर्फ एक कागज के टुकड़े के लिए बर्बाद नहीं करना चाहता। अथर्व यशवंते
- क्या सीएम महादेय व मानयीय राज्यपाल छात्रों का भय दूर करने के लिए परीक्षा हाॅल में बैठेंगे? गौरव डावरे
- दूसरे जिलों से आए छात्रों को परीक्षा के बाद वापस पहुंचाने की जिम्मेदारी किसकी? मयंक सोलंकी
- उन छात्रों का क्या, जो लॉकडाउन में मप्र में नहीं हैं? मैं वर्तमान में अपने कॉलेज से 1200 किमी दूर हूं। यदि कोई रास्ते में संक्रमित हो जाता है तो कौन जिम्मेदार होगा? उज्ज्वल
- भले ही पाठ्यक्रम 50% पूरा न हुआ हो, फिर भी सरकार परीक्षा के लिए छात्रों के जीवन को जोखिम में डाल रही है। क्या यह सही है? विशाल दास
- यदि कोई छात्र किसी अन्य बीमारी जैसे लू लगना या बुखार से पीड़ित होता तो स्क्रीनिंग में उसका तापमान गर्म आएगा, उनकी परीक्षा का क्या? मृत्युंज्य पाठक
- क्या आप स्वयं को आर्थिक रूप से स्थिर बनाने परीक्षा करने की योजना बना रहे हैं? प्रतिज्ञा पाटीदार
- कई छात्र इंटरनेट व अध्ययन सामग्री के बिना अपने गांवों में फंसे हैं। इस महामारी के दौरान परीक्षा की तैयारी कैसे करनी चाहिए? दीपक पवार
- बहुत से छात्र कंटेनमेंंट जोन में आते हैं। उनके आने-जाने की सुविधाओं का ध्यान कौन देगा ? सचिन मालवीय
- मप्र में सबसे ज्यादा काॅलेज और सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी इंदौर, भोपाल में ही हैं और वहां पर संक्रमण स्तर देख अभिभावकों को अस्वस्थ करना किसकी जिम्मेदारी है? प्रनय शुक्ला
घबराएं नहीं, सभी छात्रों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाएगा
- करलिन खोंगवार देशमुख, प्रमुख सचिव, तकनीकी शिक्षा के मुताबिक, गाइडलाइन तैयार की जा रही है। हर छात्र की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। हम ऑनलाइन परीक्षा कराने पर भी विचार कर रहे हैं, ताकि 15 जुलाई तक रिजल्ट घोषित हो सकें।
- अनुपम राजन, पीएस, उच्च शिक्षा विभाग के मुताबिक, अभी सिर्फ फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा कराने का निर्णय हुआ है। इंटर यूनिवर्सिटी में यह व्यवस्था की जाएगी कि छात्र अपने जिला, तहसील व ब्लॉक स्तर के कॉलेज में जाकर परीक्षा दे सके।
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