हम्माली व तुलाई न देने पर हम्मालों ने बंद किया काम, अफसर मौखिक आदेश का देते रहे हवाला

शहर की कृषि उपज मंडी में हम्मालों व तुलावटियों ने मंगलवार दोपहर को काम के बदले मजदूरी नहीं मिलने पर काम बंद कर दिया। इससे मंडी में आ रहे अनाज की तुलाई व संग्रहण का काम नहीं हो पाया। जब हम्मालों ने इस मजदूरी नहीं मिलने का कारण पूछा तो अफसरों ने मौखिक आदेश का हवाला देते हुए कहा हमारे यहां इलेक्ट्रानिक तौल कांटा व हाईड्रोलिक है। जिसके कारण वरिष्ठ अफसरों हम्माली व तुलावटी काटने से मना कर दिया। इससे हम मजदूरी नहीं दे पाएंगे। इसके विरोध में हम्मालों व तुलावटियों ने मंडी परिसर के बाहर विरोध कर नारे लगाए।
तुलावटी गोपाल धाकड़ ने बताया किसान व व्यापारियों की प्रत्येक खरीदी पर हम्माली व तुलाई कटती है। जिसके बदले किसान व व्यापारी प्रत्येक क्विंटल पर 5-5 रुपए देते हैं। जिसमें से 7 रुपए हम्माल व 3 रुपए तुलाई वाले को मिलते हैं। यहां पर पंजीकृत करीब 400 हम्माल काम करते हैं। जिससे उनके परिवार का पालन पोषण होता है। लॉकडाउन के कारण करीब एक माह मंडी बंद रही थी। अब अफसर हम्माल व तुलाई के रुपए काटने पर रोक लगा रहे हैं। जबकि हम्मालों व व्यापारियों ने लिखित में मंडी सचिव को रुपए काटने पर सहमति का आवेदन भी दिया है। इसके बाद भी हम्मालों व तुलाई वालों को काम करने से रोका जा रहा है। जो गलत है। अगर हम्माली व तुलाई नहीं मिलेगी तो काम करने से कोई मतलब नहीं है। इस लिए काम बंद कर दिया है।

लाॅकडाउन : मंडी में 15 से चल रहा था व्यापारियों का सौदा
लॉक डाउन के दौरान किसानों को सुविधा देने के लिए सरकार ने बाहर से खरीदी कर मंडी में अनाज रखने के लिए 15 अप्रैल से व्यापारियों व किसानों को आने की अनुमति दी थी। जिससे किसान सौदा कर व्यापारियों का माल मंडी में ही उतारते थे। जिससे मंडी में भीड़ लगी रहती थी। वहीं पर हम्माल व तुलावटियों को मजदूरी देते थे।

किसान बोले- बाहर के कांटे पर हो रही थी तुलाई
किसानों ने बताया मंडी में पिछले सप्ताह माल की तुलाई नहीं हो रही थी। इससे निजी कांटों पर जाकर तुलाई करनी पड़ रही थी। निजी कांटे संचालक को लाभ पहुंचाने के लिए अफसर बाहर ही तुलाई करा रहे थे। इससे किसानों को अतिरिक्त रुपए खर्च करना पड़ रहे थे। अगर यह माल मंडी परिसर में ही तुलाया जाता तो किसानों को तुलाई के रुपए नहीं देना पड़ते।

भुगतान के पहले ही मंडी प्रबंधन जारी कर रहा है तौल पत्रक
हम्माल हरनामसिंह सोलंकी ने बताया सरकार के नियम अनुसार किसान व व्यापारी बाहर से सौदा पत्रक कर माल की खरीदी बिक्री कर मंडी में ला रहे हैं। जहां से किसानों के भुगतान करने के बाद तौल पत्रक जारी होना चाहिए लेकिन मंडी प्रबंधन सांठ गांठ कर भुगतान होने के पहले ही तौल पत्रक जारी कर रही है। जबकि किसानों को करीब 8 से 10 दिनों में आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान हो रहा है। इसमें मंडी प्रबंधन की लापरवाही दिखाई दे रही है।

अफसरों के कहने पर बंद कराई हम्माली व तुलाई
अन्य स्थानों पर किसानों से अतिरिक्त रुपए लेने की शिकायत मिली थी। जिस पर अफसरों ने हम्माली व तुलाई काटने वाली राशि लेने से मना कर दिया। जिससे हम्माली व तुलाई आज से नहीं ली जा रही थी। जिस पर कुछ हम्माल व तुलावटियों ने विरोध किया। वर्तमान में मंडी को पूरी तरह से बंद कर दिया है। आगामी आदेश तक मंडी बंद रहेगी। हम्माल व तुलावटियों को किसान व व्यापारी मंडी के बाहर मजदूरी देते हैं तो उसमें कोई पाबंदी नहीं रहेगी।
बीएस परिहार, मंडी सचिव कृषि उपज मंडी सनावद




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Hummals stopped work for not giving hammali and weighing, officials kept giving oral orders


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