भोपाल से आए संदिग्ध वृद्ध का नहीं था आधार कार्ड इसलिए साढ़े तीन घंटे तक अस्पताल में नहीं लिया सैंपल

जिन कोरोना वॉरिर्यस की वजह से अब तक हम सुरक्षित हैं। उनकी एक अनदेखी जिले को कभी भी मुश्किल में डाल सकती है। 8 दिन पहले भोपाल से पैदल चलते हुए 60 साल का बुजुर्ग बुधवार को सर्दी, जुकाम, खांसी और सांस लेने की तकलीफ की वजह से जिला अस्पताल पहुंचा। बुजुर्ग के पास आधार कार्ड और मोबाइल नंबर नहीं था, इसलिए उसे 3.5 घंटे तक जिला अस्पताल में सैम्पल का इंतजार करते हुए यहां वहां घूमता रहा। ऐसे में अगर उसका सैंपल टेस्ट पॉजिटिव आता है तो पूरा जिला मुश्किल में आ सकता है।
जिला अस्पताल में सुबह 10 बजे भोपाल से 8 दिनों में पैदल चलकर पहुंचे अमरोद गांव के मोहनलाल सोनी उम्र 60 साल ने बताया कि उसका बेटा भोपाल में चांदबड़ में रहता है। लॉकडाउन की वजह से वह तीन माह से वहीं फंस कर रह गया। 8 दिन पहले वह भोपाल से पैदल ही गांव के लिए चल पड़ा। गांवों में रात काटते हुए सुबह जब वह सलमाई पहुंचा तो उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। इस दौरान एक ग्रामीण ने उसकी मदद करते हुए बाइक पर बैठाया और जिला अस्पताल छोड़ दिया। लेकिन सुबह 10 बजे अस्पताल पहुंचे बुजुर्ग का सैम्पल साढ़े 3 घंटे बाद भी नहीं हो सका। जब हमने मौके पर पहुंचकर इसी वजह जानी तो बड़ा आश्चर्य हुआ कि शासन द्वारा बनाए गए नियमों में सैम्पल के लिए मोबाइल नंबर और आधार नंबर डालना अनिवार्य है। इन नंबरों की वजह से बुजुर्ग जिला अस्पताल में ही बैठा रहा।

खतरा की ये है वजह
बातचीत में बुजुर्ग ने बताया कि जब वह भोपाल से चला था तभी से उसको सर्दी, जुकाम और खांसी थी। लेकिन अब उसको इन दिक्कतों के अलावा सांस लेने में तकलीफ और हाथ पैरों में तेज दर्द है। जिला अस्पताल में 3.5 घंटे तक बुजुर्ग यहां-वहां घूमता रहा। इतना ही नहीं बाहर पहुंचकर उसने 5 रुपए देकर किसी ने चाय भी लेकर पी। इस दौरान उसने हैंडपंप पर पानी भी पीया। ऐसे में अगर मान लिया जाए कि युवक कोरोना पॉजिटिव निकलता है तो ये लापरवाही बड़ी घातक हो सकती है।
बड़ा सवाल- किसी व्यक्ति के पास आधार कार्ड नहीं तो उसका नहीं होगा कोरोना टेस्ट
3.5 घंटे तक सैंपल न लेने की वजह वहां मौजूद डॉक्टरों ने बुजुर्ग के पास आधार कार्ड और मोबाइल न होना बताया। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि अगर किसी कोरोना संदिग्ध के पास आधार कार्ड और मोबाइल नंबर नही है तो क्या उसकी सैम्पलिंग नहीं होगी। शासन द्वारा निर्धारित किए गए ये नियम भविष्य में जिले के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं, क्योंकि इन दिनों सैकड़ों की संख्या में श्रमिकों का पलायन यहां से वहां चल रहा है।

403 सैम्पल भेजे हैं अब तक जिले से
कोरोना वायरस संक्रमण से संबंधित लॉकडाउन के बाद जिले से अब तक 403 सैम्‍पल जांच के लिए भेजे गए हैं। इनमें से 315 सैम्पल की जांच निगेटिव आई है जबकि 38 सैम्पल रिजेक्ट हुए हैं। अभी 50 सैम्पल की रिपोर्ट आना शेष है। बुधवार को 48 व्यक्तियों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं।
^सरकार ने ऑनलाइन फार्म भरने की प्रक्रिया कर दी है। इसमें ओटीपी जनरेट होता है, इसका मैसेज मरीज के मोबाइल पर आता है। तभी उसके सैम्पल को मान्य मानते हैं अन्यथा वह रिजेक्ट हो जाता है। मरीज के साथ कोई अटैंडर भी नहीं था ऐसे में उसको सैम्पल नहीं ले सकते थे। डाॅ. बीएल टैगोर, मेडिकल ऑफिसर

मीडिया के हस्तक्षेप से सीएमएचओ ने कराई जांच
जब मीडिया ने संबंधित मामले को उठाया और सीएमएचओ डाॅ. जेआर त्रिवेदिया से बातचीत की तो उन्होंने बुजुर्ग का सैम्पल आइसोलेशन वार्ड में करवाने के लिए कहा। इसके बाद वाहन भी उपलब्ध नहीं मिला। बाद में 108 वाहन से बुजुर्ग को आइसोलेशन वार्ड भेजा गया जहां सैम्पल लेकर भर्ती करने की बजाय होम क्वारेंटाइन पर गांव छुड़वाया गया।
एक सवाल यह भी
दुकानें बंद, फिर कैसे मिली चाय
चाय की दुकानें लॉकडाउन में बंद हैं। ऐसे में बुजुर्ग को 5 रुपए में कहां से चाय मिली यह भी बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है।
बाद में हैंडपंप सहित बुजुर्ग जहां बैठा, सभी कराया सैनिटाइज
बुजुर्ग अस्पताल में जहां बैठा था उस स्थान को सैनिटाइज करने के बाद बाहर लगे हैंडपंप को भी सैनिटाइज किया गया। इसके बाद मीडिया ने चाय वाले लड़के को खोजा, लेकिन वह नहीं मिला।



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The Aadhaar card was not of the old man suspected to have come from Bhopal, so the samples were not taken in the hospital for three and a half hours.


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