बच्चे तीन से पांच घंटे चला रहे मोबाइल, ये खतरनाक हो सकता है क्योंकि इससे दो साल में चश्मा लगने और शारीरिक विकास रुकने की संभावना

लॉकडाउन में घरों में कैद बच्चे मोबाइल और कंप्यूटर से ज्यादा कनेक्ट हो गए हैं। साथ ही पढ़ाई भी ऑनलाइन हो रही है। सामान्य दिनों में आधे घंटा मोबाइल चलाने वाले बच्चे अब 3 से 5 घंटे मोबाइल और कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बिता रहे हैं। जिससे आंखों में परेशानी आना शुरू हो गई है। डॉक्टरों का मानना है इतनी देर तक मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन के सामने रहने से 2 साल के भीतर चश्मा लगने के साथ ही शारीरिक विकास रुकने जैसी समस्याएं आ सकती हैं। आंखों संबंधी परेशानियां उन लोगों को भी उठाना पड़ सकती है जो ज्यादा देर मोबाइल या कंप्यूटर चलाते हैं।
2 घंटे मोबाइल पर गेम और 1 घंटे ऑनलाइन अध्ययन
सूरज नगर में रहनेवाले 10 साल के शुभ दाता लॉक डाउन में 3 से 4 घंटे मोबाइल चलाते हैं, जिसमें 2 घंटे मोबाइल पर गेम खेलना और 1 घंटे ऑनलाइन पाठशाला से पढ़ाई करना भी शामिल है। इसके अलावा एक घंटा वाट्सएप और फेसबुक पर अपना टाइम बिताते हैं, जिससे आंखें कुछ भारी होने लगी हैं।
3 घंटे गेम खेलने में गुजर जाते हैं
अलकापुरी में रहने वाले 5 साल के क्रिशिव बंसल 2 से 3 घंटे मोबाइल पर ही गेम खेलते हैं, जबकि सामान्य दिनों में वह केवल आधा घंटा ही मोबाइल चलाते थे। इसके कारण उनकी आंखें भारी होने के साथ कभी- कभी आंखों से पानी भी आ जाता है।
मोबाइल पर ही ऑनलाइन पढ़ाई
ऋषि नगर में रहने वाले 13 साल के आदित्य मोदी सातवीं की इस साल पढ़ाई करेंगे। इसके लिए अभी से ही मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई करने में जुटे हुए हैं। रोजाना घर में रहकर एक से डेढ़ घंटे मोबाइल पर पढ़ाई करने के साथ ही वे लगभग 2 घंटे मोबाइल पर गेम खेलते हैं। जिसके कारण उनकी आंखों में पानी भी आने लग जाता है।
सुझाव : हर 15 मिनट बाद स्क्रीन से नजर हटाएं
वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. पराग शर्मा का कहना है कि अगर दिनभर में 3 से 5 घंटे मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठा जाए तो अगले 1 से 2 वर्ष के भीतर आंखों की समस्याएं आना शुरू हो जाती है। आंखों में पानी के तीन स्तर होते हैं। ज्यादा देर स्क्रीन के सामने रहने से टीयर फिल्म यानी पानी की लेयर पतली हो जाती है, जिससे आंखों में चुभन, आंखे लाल होना, सिर दर्द, धुंधला दिखना आदि समस्याएं शुरू हो जाती है। चश्मा लग जाता है। बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी नहीं हो पाती, जिसके कारण फिजिकल विकास भी रुक जाता है। आंखों को बेहतर रखने के लिए आम, पपीता, गाजर, संतरा, टमाटर, हरी सब्जियां और विटामिन-ए से जुड़े पदार्थ लेना चाहिए। वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप व्यास ने बताया ज्यादा देर स्क्रीन के सामने होने से आंखों में ड्राइनेस आने लग जाती है। क्योंकि स्क्रीन पर फोकस होने से पलकें झपकना कम हो जाता है। इसके कारण आंखों में सूखापन लगता है। इसे कंप्यूटर विजन सिंड्रोम कहते हैं। आंखें लाल होना, आंखों से पानी आना आदि समस्याएं इसमें होती है। बेहतर होगा कि 15 से 20 मिनट के भीतर मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन से नजरें कुछ देर के लिए हटा ली जाए। आंखों को लगातार स्क्रीन के सामने ना रखें।
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