नरवाई की आग ने छीनी बेटी की शादी की खुशियां, पांच परिवारों की गृहस्थी खाक

ग्राम बसई के डेरा पर सोमवार को सुबह तड़के पांच बजे खेतों की नरवाई की आग ने पांच परिवारों के आशियानों को अपनी चपेट में ले लिया। इससे सभी परिवारों का गृहस्थी का सामान पूरी तरह से जल गया। जिसकी वजह से इन लोगों के सिर पर न तो छत बची है और न ही खाने के लिए अनाज। यही नहीं एक परिवार की शादी की खुशियां तो पूरी तरह से तबाह हो गई। यहां तक की बेटी की शादी के लिए बनवाए गए जेवर और अन्य दहेज का सामान भी जल गया।
ग्राम बसई के पास स्थित डेरा पर गजराज सिंह और उनके परिवार के अन्य लोगों को मकान बने हुए हैं। सोमवार को सुबह करीब पांच बजे किसी किसान ने खेतों में खड़ी नरवाई में आग लगा दी। नरवाई की यह आग डेरा तक पहुंच गई और पांचों परिवारों के घरों को अपनी चपेट में ले लिया। झोंपड़ियों से अचानक आग की लपटें देख सभी लोग घर से बाहर निकल गए और देखते ही देखते चीख पुकार मच गई। इसके बाद बसई में रहने वाले लोगों ने डेरा पर आग लगते हुए देखी तो वह भी वहां पहुंच गए और आग को बुझाने का प्रयास किया, लेकिन आग काफी िवकराल रुप ले चुकी थी। जिसके चलते ऊंची-ऊंची आग की लपटें उठ रही थीं। चीखने चिल्लाने के अलावा कोई कुछ नहीं कर पा रहा था।
500 फीट दूर गिरा गैस का सिलेंडर
आग की सूचना फायर बिग्रेड को इसकी सूचना दी गई। जिसके बाद फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग को बुझाया जा सका। लेकिन तब तक सभी परिवारों के मकान पूरी तरह से जल चुके थे और उसमें रखा गृहस्थी व खाने पीने का सामान भी राख हो चुका था। डेरा पर रहने वाले जितेंद्र सिंह रावत के घर के अंदर भरा हुआ सिलेंडर रखा हआ था। आग लगने के बाद सिलेंडर में जोरदार विस्फोट हुआ और वह करीब पांच सौ फीट दूर खेतों में जा गिरा। यह गनीमत रही कि घर के अंदर कोई नहीं था जिसके चलते कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
18 को थी बेटी की शादी, शिवपुरी से आना थी बारात, आग से जेवर सहित दहेज का सामान भी जला, खाने का भी खड़ा हो गया संकट
डेरा पर रहने वाले जीतेंद्र सिंह रावत की पुत्री ज्योति रावत की 18 मई को ही शादी थी। जिसके चलते फतेहपुर शिवपुरी से बारात आना है। जिसके चलते जीतेंद्र द्वारा चढ़ाव के लिए जेवर व अन्य दहेज का सामान भी खरीद लिया था। लेकिन नरवाई की आग ने जेवर और दहेज के सामान को राख कर दिया। आग से कूलर, अलमारी, साड़ी, जेवर 6तौला, लगभग, 500 ग्राम चांदी राख हो गई। इसके अलावा गृहस्थी का सामान खाने के लिए रखा अनाज भी जल गया। वहीं डेरा पर रहने वाले रिंकू रावत के गूहस्थी का सामान, मटर, चना गेहूं, सरसों की फसल भी जल गई। वहीं विक्रम रावत सहित अन्य लोगों के भी गृहस्थी का सामान जल गया।
बेघर हुए पांच परिवार
शासन द्वारा नरवाई मे आग लगाया जाना प्रतिबंधित किया है। लेकिन इसके बाद भी किसान नरवाई में आग लगा रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी प्रशासन द्वारा इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। नरवाई की आग से पांच परिवार पूरी तरह से बेघर हो गए हैं। न तो सिर के ऊपर छत ही बची है और न ही खाने के लिए कुछ बचा है। घर की महिलओं का तो रो-रोकर बुरा हाल था।
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