अंकसूची के हिसाब से उम्र थी 15 साल, रुकवाया बाल विवाह

बाल विवाह होने की सूचना मिलने पर महिला बाल विकास विभाग टीम गोरमी क्षेत्र के सिकरोदा गांव पहुंची। यहां पर बालिका की अंक सूची सहित अन्य दस्तावेज खंगाले गए, जिसमें बालिका की उम्र 18 साल से कम पाई। इस आधार पर अधिकारियों ने बाल विवाह होने से रुकवा दिया है। साथ ही परिजन को हिदायत दी गई है कि यदि उनके द्वारा नाबालिग अवस्था में बालिका का विवाह किया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सिकरोदा गांव में 29 जून को एक बाल विवाह होने की सूचना महिला बाल विकास विभाग की प्रभारी परियोजना अधिकारी प्रभा शर्मा, वृत पर्यवेक्षक वंदना यादव, कार्यालय सहायक कमलेश गुप्ता को किसी ने दी थी। जानकारी मिलते ही प्रभारी परियोजना अधिकारी प्रभा शर्मा अपनी टीम के साथ गांव में पहुंची। इस गांव में कम उम्र की एक बालिका की शादी की तैयारियां चल रही थी। संबंधित घर में पहुंचकर टीम अधिकारियों ने लड़की की जन्मतिथि कक्षा 5वीं अंकसूची से मिलान किया तो लड़की की उम्र 15 वर्ष 9 माह पाई गई। इस पर विभागीय टीम ने बालिका के माता-पिता आैर रिश्तेदारों को समझाया की बाल विवाह कानूनन अपराध है। इस तरह के विवाह में शामिल होने वाले अतिथियों के साथ ही माता-पिता और रिश्तेदारों पर कानूनन अपराध दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस समझाइश के बाद माता-पिता और रिश्तेदार बालिका की शादी 18 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद करने का भरोसा दिलाया।
29 जून हो होना था विवाह
प्रभारी परियोजना अधिकारी प्रभा शर्मा ने बताया कि बच्ची के पिता और रिश्तेदार 24 जून को लगुन चढ़ा चुके थे। 29 जून को उसका विवाह होना था। लेकिन शुक्रवार को मुझे जैसे इस बाल विवाह की जानकारी मिली तो मैं तहसीलदार शिवदत्त कटारे और डीपीओ अब्दुल गफ्फार को सूचना दी। जिसके बाद मैं टीम के साथ विवाह रुकवाने के लिए सिकरोदा गांव में पहुंची। वहां लड़की के परिजन का समझाया और कार्रवाई की धमकी तब वे लोग शादी टालने पर राजी हुए।
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