हॉस्पिटल के बाथरूम में गिरी पॉजिटिव महिला की 1 रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही डिस्चार्ज

पुराने शहर के मेघदूत परिसर में रहने वाली 84 साल की बुजुर्ग महिला की रिपोर्ट 30 मई को पॉजिटिव आई थी। उन्हें देवास के अमलतास हॉस्पिटल में रैफर किया था। यहां 3 जून को महिला बाथरूम में पैर फिसलने से गिर गई थी, जिससे उन्हें चोट आई थी। महिला की पहली रिपोर्ट निगेटिव आने पर यह तर्क देते हुए हॉस्पिटल प्रशासन ने डिस्चार्ज कर दिया कि मरीज को भर्ती हुए 10 दिन हो गए हैं। अब आप इन्हें किसी ग्रीन हॉस्पिटल में ले जाएं। परिजन उन्हें पहले इंदौर के यूनिवर्सल हॉस्पिटल, फिर बॉम्बे हॉस्पिटल और उसके बाद सिनर्जी हॉस्पिटल इंदौर ले गए।
यहां रजिस्ट्रेशन फीस ले ली लेकिन बाद में वेंटिलेटर नहीं होने का कारण बताते हुए भर्ती नहीं किया। परिजन उन्हें इंदौर के एमटीएच में ले गए। जहां पर इलाज के दौरान मौत हो गई। महिला की नातिन ने बताया
सामान्य सर्दी, खांसी होने पर नानी की सैंपलिंग डोर टू डोर सर्वे करने वाली टीम से करवाई थी। टीम ने प्राथमिक जांच में ऑक्सीजन का लेवलकम बताया था।

30 मई को रिपोर्ट पॉजिटिव आई और उनकी नानी को टीम लेकर चली गई। उसके बाद से उन्हें न तो मिलने दिया और न उनके स्वास्थ्य के बारे में ठीक से जानकारी दी गई। हॉस्पिटल में भर्ती दूसरे मरीजों से हमें पता चला था कि हमारी नानी बाथरूम में गिर गई है और उन्हें चोट भी आई है। उनके पास में 7 जून को हॉस्पिटल से फोन आया कि मरीज को डिस्चार्ज किया जा रहा, आप आकर ले जाओ।
8 जून को हॉस्पिटल पहुंचे। रिपोर्ट देने और डिस्चार्ज करने में 24 घंटे का समय लगा दिया और हमें सीटी स्कैन और एक्सरे की रिपोर्ट भी नहीं दी गई। हमें कहा कि इनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई है, आप इनका इलाज किसी ग्रीन हॉस्पिटल में करवा सकते हैं। उसके बाद इंदौर के 4 हॉस्पिटल में मरीज को लेकर पहुंचे, जिनमें से 3 हॉस्पिटल में मना कर दिया। एमटीएच में भर्ती किया, जहां 9 जून की रात में उनकी नानी की मौत हो गई।

हॉस्पिटल के बाथरूम
उसके बाद से उन्हें न तो मिलने दिया और न उनके स्वास्थ्य के बारे में ठीक से जानकारी दी गई। हॉस्पिटल में भर्ती दूसरे मरीजों से हमें पता चला था कि हमारी नानी बाथरूम में गिर गई है और उन्हें चोट भी आई है। उनके पास में 7 जून को हॉस्पिटल से फोन आया कि मरीज को डिस्चार्ज किया जा रहा, आप आकर ले जाओ। 8 जून को हॉस्पिटल पहुंचे।

रिपोर्ट देने और डिस्चार्ज करने में 24 घंटे का समय लगा दिया और हमें सीटी स्कैन और एक्सरे की रिपोर्ट भी नहीं दी गई। हमें कहा कि इनकी रिपोर्ट निगेटिव आ गई है, आप इनका इलाज किसी ग्रीन हॉस्पिटल में करवा सकते हैं। उसके बाद इंदौर के 4 हॉस्पिटल में मरीज को लेकर पहुंचे, जिनमें से 3 हॉस्पिटल में मना कर दिया। एमटीएच में भर्ती किया, जहां 9 जून की रात में उनकी नानी की मौत हो गई।

परिजन बोले- दूसरे मरीज को शिकार ना होना पड़े
परिवार के लोगों का कहना है अस्पताल की लापरवाही से हमने परिवार का सदस्य खो दिया है लेकिन आगे से किसी अन्य मरीज के साथ इस तरह की लापरवाही ना हो, इसके लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाना चाहिए।

यह है प्रोटोकॉल
किसी मरीज के पॉजिटिव पाए जाने पर उसका 7 दिन तक इलाज करने के बाद दूसरे सैंपल की जांच करवाई जाती है। रिपोर्ट निगेटिव आने पर फिर सैंपल लिया जाता है। दो रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही डिस्चार्ज किया जाता है।

10 दिन हाे गए थे, इसलिए डिस्चार्ज किया
मरीज की एक रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी। उन्हें भर्ती हुए 10 दिन हो गए थे। मरीज का इलाज किसी भी ग्रीन हॉस्पिटल में करवाया जा सकता था, इसलिए डिस्चार्ज किया। लापरवाही जैसी कोई बात नहीं है। विजय जाट, अस्पताल प्रबंधक अमलतास



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
फाइल फोटो।


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/37wusKB

Share this

0 Comment to "हॉस्पिटल के बाथरूम में गिरी पॉजिटिव महिला की 1 रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही डिस्चार्ज"

Post a Comment