गुप्त नवरात्रि 22 से, भड़ला नवमी पर होंगे विवाह

गुप्त नवरात्रि 22 जून से शुरू होगी। 29 जून को भड़ला नवमी है। इस दिन बिना मुहूर्त के विवाह हो सकेंगे। यह नवरात्रि 8 दिन की होगी। षष्टी तिथि क्षय है। कोरोना संक्रमण के चलते मंदिरों में आम दर्शनार्थियों का प्रवेश बंद होने से मंदिरों में केवल पुजारी ही देवी की आराधना करेंगे। श्रद्धालु घरों में ही देवी की साधना कर पाएंगे।
गुप्त नवरात्रि देवी की साधना करने वालों के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। पितांबरा संस्थान की ज्योतिषविद् अर्चना सरमंडल के अनुसार नवरात्रि 22 जून आषाढ़ शुक्ल एकम से शुरू होगी। 29 जून को भड़ला नवमी के साथ इसका समापन होगा। गुप्त नवरात्रि में साधक देवी की विभिन्न विधियों से साधना कर सिद्धि प्राप्त करते हैं। इसलिए इसमें उजागर रूप से देवी उत्सव नहीं होते। शहर में शक्तिपीठ हरसिद्धि, महाकाल मंदिर स्थित देवी अवंतिका, महाकवि कालिदास की आराध्य गढ़कालिका तथा सम्राट विक्रमादित्य द्वारा स्थापित देवी शक्तिपीठों में भूखी माता, चामुंडा, विंध्यवासिनी, चौसठ योगिनी, विनायगा स्थित मंशा माता, नगर कोट माता, चौबीस खंभा स्थित महामाया व महालया व अन्य देवी मंदिर हैं। संतोषी माता का प्राचीन मंदिर भी है। इनके अलावा नए मंदिर भी हैं, जिनमें उदयन मार्ग स्थित वाघेश्वरी प्रमुख है। मंदिरों में प्रवेश बंद होने के कारण इन मंदिरों में गुप्त नवरात्रि में श्रद्धालुओं का आवागमन प्रतिबंधित है। इसलिए देवी की घर पर ही साधना करें।
घट स्थापना के मुहूर्त
तड़के 5.42 से सुबह 7.20
सुबह 9.06 से 10.48
दोपहर 3.55 से शाम 7.10 बजे तक मुहूर्त।
नवरात्रि के 8 विशेष योग
22 जून - नवरात्र आरंभ
23 जून - जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा
24 जून - विनायक चतुर्थी, रवि योग
25 जून - रवि योग, चतुर्थी
26 जून - सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग
27 जून - रवि योग
28 जून - सर्वार्थ सिद्धि योग
29 जून - भड़ली नवमी
नवरात्रि 8 दिन की है। षष्ठी तिथि क्षय हुई है। इस कारण यह स्थिति बनी।
घरों में देवी की साधना इसलिए जरूरी
गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है। इसलिए गुप्त नवरात्रि अधिकतम 10 दिन की होती है। इस बार षष्टी तिथि क्षय है। इसलिए आठ दिन की नवरात्रि होगी। यानी दो देवियों की साधना कम हो पाएगी। इसे शास्त्रीय मान्यताओं में ठीक नहीं माना जाता। इसलिए साधकों को इस नवरात्रि में देवी की साधना करना चाहिए ताकि देवी मौजूदा संक्रमण प्रकोप से मानवजाति की रक्षा करे।
29 को पूरा दिन विवाह के लिए मुहूर्त
रविवार 28 जून की रात 12.35 बजे से नवमी शुरू होगी, जो सोमवार रात 10.11 बजे समाप्त होगी। इसे लोकभाषा में भड़ला नवमी कहते हैं। इस दिन पंचांग शुद्धि देखे बिना ही विवाह या शुभ कार्य कर सकते हैं। नया मकान, दुकान, नया बिजनेस प्रारंभ करना हो, नया सामान खरीदना, वाहन खरीदी के लिए यह शुभ दिन है। 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी से विवाह बंद होंगे। साधु-संतों का चातुर्मास शुरू हो जाएगा। एक महीने का आश्विन अधिकमास होने से 25 नवंबर को देवोत्थान एकादशी से फिर शुभ काम शुरू होंगे।
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